कैंसर के इन मिथकों पर न करें विश्वास, जानें सच्चाई (Myths about cancer)

by Team Onco
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जब भी हम कैंसर के बारे में बात करते हैं, तो लोगों में इस बात की अवधारणा बनीं होती है कि इस बीमारी का मतलब सिर्फ मौत है। यही कारण है कि लोगों में कैंसर को लेकर कई तरह अफवाहें हैं। जब कैंसर की बात आती है, तो हमारे दोस्तों और रिश्तेदारों की ओर से कई तरह की बातें सामने आती हैं। कैंसर के मिथक मरीज को तनाव देने के साथ-साथ रोगी के लिए परेशानी का सबब बन जाते हैं। इस बात में कोई दो राय नहीं है कि दुनिया में होने वाली मौतों के मुख्य कारणों में से एक कैंसर है। लेकिन इस बीमारी के बारे में यदि समय से पता चल जाए या इलाज हो जाए, तो इससे बचा जा सकता है और इसे ठीक भी किया जा सकता है। 

कैंसर के मिथक

कैंसर

दरअसल, अफवाहों के बीच रहने वाले कई लोगों को कैंसर के बारे में ठीक से जानकारी भी नहीं है। आइए सबसे पहले समझते हैं कि आखिर कैंसर क्या है? मानव शरीर कई तरह की कोशिकाओं से बना होता है। हमारे शरीर में कोशिकाएं (सेल्स) लगातार विभाजित होती रहती है और यह सामान्य-सी प्रक्रिया है, जिस पर शरीर का पूरा कंट्रोल रहता है। लेकिन जब शरीर के किसी खास अंग की कोशिकाओं पर शरीर का कंट्रोल नहीं रहता और वे असामान्य रूप से बढ़ने लगती हैं तो उसे कैंसर कहते हैं। जैसे-जैसे कैंसर ग्रस्त कोशिकाएं बढ़ती हैं, वे ट्यूमर का रूप ले लेती हैं। हालांकि, हर ट्यूमर में कैंसर वाले सेल्स नहीं होते लेकिन जो ट्यूमर कैंसर ग्रस्त है, अगर उसका इलाज नहीं किया जाता है तो यह पूरे शरीर में फैल सकता है। कैंसर से हर साल 7,00,000 भारतीयों की मौत होती है, जिनमें से 80 प्रतिशत डर, घबराहट या लापरवाही की वजह से डॉक्टरों के पास तब पहुंचते हैं जब बहुत देर हो जाती है। कैंसर के बारे में बहुत सारी जानकारी उपलब्ध है, लेकिन इसमें से कुछ हैं भ्रामक या गलत है। आइए, कैंसर को लेकर इसी तरह के कुछ आम कैंसर मिथकों और गलत धारणाओं के बारे में बात करते हैंः 

कैंसर छूने से नहीं फैलता है, लोगों में यह एक मिथक है

क्या कैंसर छूने से फैलता है?

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मिथकः क्या कैंसर छूने से फैलता है? (Is cancer contagious?)

तथ्य: यह एक गलत धारणा है, जिस पर ज्यादातर लोग विश्वास करते हैं। अगर कोई व्यक्ति कैंसर से पीड़ित है तो लोग उसके पास जाने से परहेज करते हैं या उससे दूरी बना लेते हैं। सामने वाले के इस रवैये का रोगी पर काफी गलत प्रभाव पडता है। हालांकि, कुछ प्रकार के कैंसर ऐसे होते हैं जो कि विभिन्न प्रकार के वायरस और बैक्टीरिया से फैलते हैं। जैसे कि सर्वाइकल, लिवर और पेट का कैंसर। लेकिन, सच्चाई ये है कि कैंसर कभी भी एक व्यक्ति से दूसरे व्यक्ति में छूने से नहीं फैलता। यह सिर्फ ऑर्गन या फिर टिशू ट्रांसप्लांटेशन के केस में ही संभव है।

कैंसर का पारिवारिक इतिहास

कैंसर का पारिवारिक इतिहास

मिथकः यदि आपका कैंसर का पारिवारिक इतिहास है, तो आपको भी यह हो जाएगा? (Is cancer hereditary)

तथ्यः इस बात को नकारा नहीं जा सकता है कि, कैंसर का पारिवारिक इतिहास होने से बीमारी के विकास का खतरा बढ़ जाता है, लेकिन यह आपके स्वास्थ्य पर भी निर्भर करता है। 10 में से अनुमानित 4 कैंसर को सरल जीवन शैली को अपनाकर रोका जा सकता है, जैसे कि स्वस्थ जीवनशैली को अपनाना, स्वस्थ वजन बनाए रखना, व्यायाम करना, मादक पेय पदार्थों को सीमित करना और तंबाकू उत्पादों से बचना। यदि आपका कैंसर को पारिवारिक इतिहास है जो आपको कैंसर के लिए उच्च जोखिम में डालते हैं, तो आपका डॉक्टर सर्जरी या दवाओं की सिफारिश कर सकता है ताकि, कैंसर के विकास को रोका जा सके। फैमिली के 4 लोगों में से भी 25 प्रतिशत लोगों होने की संभावना होती है। ऐसा नहीं है कि होगा ही होगा। 

डिओडरेंट लगाने से ब्रेस्ट कैंसर होता है?

क्या डिओडरेंट लगाने से ब्रेस्ट कैंसर होता है?

मिथकः डिओडरेंट लगाने से ब्रेस्ट कैंसर होता है? (Does deodorant cause cancer reddit) 

तथ्यः अभी यह साबित करने के लिए कोई सबूत नहीं मिला है कि डिओडरेंट्स स्तन कैंसर का कारण बन सकता है। हालांकि कुछ रिपोर्ट्स जरूर ऐसी हैं, जिनमें कहा गया कि डिओडोरेंट में मौजूद एल्युमिनियम कंपाउंड और पैराबेन स्किन के जरिए शरीर में प्रवेश कर जाते हैं और काफी नुकसान पहुंचाते हैं। 

गर्भवती महिलाओं के कैंसर का इलाज नहीं हो सकता है?

क्या गर्भवती महिला और कैंसर

मिथकः गर्भवती महिलाओं के कैंसर का इलाज नहीं हो सकता है? (Pregnant women and cancer)

तथ्यः जिन गर्भवती महिलाओं में कैंसर के लक्षण हैं, उन्हें अपने डॉक्टर से संपर्क करना चाहिए, क्योंकि शुरुआती चिकित्सा देखभाल का मतलब माँ और बच्चे दोनों के लिए बेहतर परिणाम हो सकता है। जिन महिलाओं को गर्भवती होने पर कैंसर का पता चलता है, उनके पास उपचार का विकल्प उपलब्ध हो सकता है।

आर्टिफिशियल स्वीटनर का सेवन करने से किसी भी प्रकार का कैंसर नहीं होता है।

आर्टिफिशियल स्वीटनर

मिथकः आर्टिफिशियल स्वीटनर से होता है कैंसर? (Does artificial sweetener cause cancer?)

तथ्यः शोधकर्ताओं ने आर्टिफिशियल स्वीटनर की सुरक्षा को मापने के लिए उन पर कई तरह के परीक्षण किए हैं और उन्हें ऐसा कोई तत्व नहीं मिला जिससे साबित हो सके कि आर्टिफिशियल स्वीटनर का सेवन करने से किसी भी प्रकार का कैंसर होता है। 

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ट्यूमर को हटाने के लिए बायोप्सी या सर्जरी के दौरान कैंसर कोशिकाओं को फैलने से रोकने के लिए कई कदम उठाते हैं।

कैंसर सर्जरी या ट्यूमर बायोप्सी

मिथकः क्या कैंसर सर्जरी या ट्यूमर बायोप्सी के कारण शरीर में कैंसर फैल सकता है? (biopsy & tumor spread cancer)

तथ्यः यह संभावना होती है कि सर्जरी से कैंसर शरीर के अन्य भागों में फैल जाएगा। मानक प्रक्रियाओं के बाद, सर्जन विशेष विधियों का उपयोग करते हैं और ट्यूमर को हटाने के लिए बायोप्सी या सर्जरी के दौरान कैंसर कोशिकाओं को फैलने से रोकने के लिए कई कदम उठाते हैं। उदाहरण के लिए, यदि उन्हें शरीर के एक से अधिक क्षेत्र से ऊतक निकालना चाहिए, तो वे प्रत्येक क्षेत्र के लिए अलग-अलग सर्जिकल उपकरणों का उपयोग करते हैं। 

कैंसर का इलाज संभव है और यह कैंसर की स्टेज पर भी निर्भर करता है, पहले स्टेज में इसका पता चल जाए तो पूरी तरह स्वस्थ होने की संभावना बढ़ जाती है।

कैंसर

मिथकः कैंसर का कोई इलाज नहीं है? (Can cancer cure?)

तथ्यः कैंसर का इलाज संभव है और यह कैंसर की स्टेज पर भी निर्भर करता है, पहले स्टेज में इसका पता चल जाए तो पूरी तरह स्वस्थ होने की संभावना बढ़ जाती है। यहां तक की दूसरी स्टेज तक भी कैंसर के वक्त पर इलाज से इसे मात दी जा सकती है।

माइक्रोवेव में उपयोग के लिए सुरक्षित रूप से लेबल किए गए प्लास्टिक के कंटेनर और व्रेप से कोई खतरा नहीं होता है।

माइक्रोवेव

मिथकः माइक्रोवेव में प्लास्टिक के कंटेनरों में भोजन को छोड़ना हानिकारक हानिकारक होता है यह कैंसर पैदा करने वाले पदार्थों को छोड़ता है? (Does microwave releases cancer-causing substances?)

तथ्यः माइक्रोवेव में उपयोग के लिए सुरक्षित रूप से लेबल किए गए प्लास्टिक के कंटेनर और व्रेप से कोई खतरा नहीं होता है। इस बात के कुछ सबूत मिले हैं कि माइक्रोवेव में उपयोग होने वाला प्लास्टिक का कंटेनर आपके भोजन में संभावित रूप से रसायनों को रिसाव कर सकता है। इसलिए, इस बात का ध्यान रखें कि माइक्रोवेव में आपके द्वारा उपयोग किए जाने वाले किसी भी कंटेनर को माइक्रोवेव-सेफ के रूप में लेबल किया गया हो। 

हेयर डाई लगाने से बढ़ता है कैंसर का खतरा?

हेयर डाई

मिथकः हेयर डाई लगाने से बढ़ता है कैंसर का खतरा? (Does hair dye increases the risk of cancer?)

तथ्यः इस बारे में अब तक कोई वैज्ञानिक सबूत नहीं मिले हैं कि बालों में हेयर डाई लगाने से कैंसर का रिस्क बढ़ता है। एक्सपर्ट्स के अनुसार, ज्यादा बार कैमिकल्स से तैयार डाई का रंग जितना ज्यादा गहरा व काला होगा। उसमें कैमिकल्स की मात्रा उतनी  ही ज्यादा होगी। ऐसे में इसे लगाने से त्वचा काली पड़ने के साथ कैंसर जैसी गंभीर बीमारी की चपेट में आने का खतरा अधिक रहता है। हालांकि, कुछ स्टडीज में ये बात कही गई है कि हेयर ड्रेसर्स या सलॉन में काम करने वाले लोग जो लगातार बहुत ज्यादा क्वॉन्टिटी में केमिकल वाले प्रॉडक्ट्स और हेयर डाई के संपर्क में रहते हैं उन्हें ब्लैडर कैंसर होने का खतरा अधिक होता है।

इलाज के कुछ सालों बाद कैंसर फिर हो जाता है?

कैंसर की वापसी

मिथकः इलाज के कुछ सालों बाद कैंसर फिर हो जाता है? (Can cancer come back?)

तथ्यः इलाज के बाद कैंसर दोबारा होता ही है, इसका कोई सबूत नहीं है, लेकिन होने की संभावनाएं रहती हैं। कैंसर के दोबारा होने पर भी इलाज के सफल होने के काफी चांस होते हैं। कई तरह के कैंसर में स्टेज 2 का इलाज भी मुमकिन है। ऐसे में घबराने की जरूरत नहीं है। कैंसर का दोबारा होना इस पर भी निर्भर करता है कि यदि कैंसर आपके हेल्दी सेल्स में फैला न हो।

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कैंसर आनुवंशिक उत्परिवर्तन के कारण होता है, और सेल फोन एक प्रकार की कम आवृत्ति ऊर्जा का उत्सर्जन करते हैं जो जीन को नुकसान नहीं पहुंचाते हैं।

मिथक: सेल फोन के इस्तेमाल से होता है कैंसर? (Does cell phone use cause cancer?)

तथ्यः नहीं, अब तक पूरी की गई सर्वश्रेष्ठ अध्ययनों के अनुसार नहीं सामने आया है। कैंसर आनुवंशिक उत्परिवर्तन के कारण होता है, और सेल फोन एक प्रकार की कम आवृत्ति ऊर्जा का उत्सर्जन करते हैं जो जीन को नुकसान नहीं पहुंचाते हैं। 

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