कीमो पोर्ट को लेकर क्या आपके मन में भी हैं ये सवाल ?

by Team Onco
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कीमोथेरेपी का इस्तेमाल कैंसर कोशिकाओं को नष्ट करने के लिए किया जाता है, इसमें दवाओं का उपयोग किया जाता है। ये दवाएं खून द्वारा शरीर के अलग-अलग प्रभावित भागों में पहुँचाई जाती हैं। ये दवाएं कैंसर कोशिकाओं को नुकसान पहुँचाती हैं ताकि वे मर जाएं। इस प्रक्रिया के दौरान कई बार स्वास्थ्य कोशिकाएं भी प्रभावित होती, लेकिन वक्त के साथ वह ठीक हो जाती है। यह आपके कैंसर के प्रकार पर निर्भर करता है कि कौन सी प्रक्रिया से इसको नष्ट किया जाए। कीमो पोर्ट भी इसकी एक प्रक्रिया में से एक है।

यदि आप एक कीमो पोर्ट डलवाने के लिए जा रहे हैं, तो आपके मन में कुछ सवाल हो सकते हैं कि इसकी प्रक्रिया क्या होगी और क्या यह आपके रोजमर्रा के जीवन को प्रभावित करेगा। यहां हम कीमो पोर्ट के बारे में सबसे अधिक पूछे जाने वाले प्रश्नों के उत्तर देते हैं।

एक कीमोपोर्ट एक छोटा चिकित्सा उपकरण है जिसे त्वचा के नीचे प्रत्यारोपित किया जाता है।

सवाल 1: कीमो पोर्ट क्या है?

एक कीमोपोर्ट एक छोटा चिकित्सा उपकरण है जिसे त्वचा के नीचे प्रत्यारोपित किया जाता है। एक कैथेटर पोर्ट को एक नस से जोड़ता है। त्वचा के नीचे, पोर्ट को फिट किया जाता है जिसके माध्यम से दवाओं को इंजेक्ट किया जा सकता है और रक्त के नमूने को कई बार लिया जा सकता है, इससे आमतौर पर रोगी को कम असुविधा होती है।

एक रिर्जवर कम्पार्टमेंट (पोर्ट) उपकरण है जिसमें सुई लगाने के लिए एक सिलिकॉन बुलबुला होता है (सेप्टम), एक संलग्न प्लास्टिक ट्यूब (कैथेटर) के साथ मौजूद होता है। डिवाइस को सर्जिकल रूप से ऊपरी छाती या बांह में त्वचा के नीचे डाला जाता है और त्वचा के नीचे सूजन जैसा दिखता है। कैथेटर त्वचा के नीचे से पोर्ट से चलता है और शल्य चिकित्सा से एक नस (आमतौर पर गले या सबक्लावियन नसों में गले की नस) में डाला जाता है। 

सवाल 2ः कीमो पोर्ट कैसे डाला जाता है?

पोर्ट आमतौर पर एक सर्जरी द्वारा प्रत्यारोपित किया जाता है जिसमें दो छोटे चीरे करने की आवश्यकता होती है – एक ऊपरी छाती में लगभग 2 सेमी और दूसरे में गर्दन लगभग 5 मिमी।  ऊपरी छाती में एक पॉकेट बनाई जाती है जहां पोर्ट रखा जाता है और अंतर्निहित मांसपेशियों में डाला जाता है। कैथेटर को फिर गर्दन में बाँधकर नस में डाला जाता है। सर्जन कैथेटर डालने के लिए नस में छेद करने के लिए अल्ट्रासाउंड मार्गदर्शन का उपयोग कर सकते हैं। 

चीरों को टांके या गोंद के साथ बंद कर दिया जाता है। इस पूरी प्रक्रिया के दौरान आपको लोकल एनसथीसिया दिया जाता है, जिसमें आप हल्की बेहोशी में रहते हैं। कैथेटर की नोक की स्थिति की पुष्टि करने के लिए प्रक्रिया के दौरान एक सी-आर्म मशीन का उपयोग किया जा सकता है।

कीमो पोर्ट ऊपरी छाती में एक पॉकेट बनाकर रखा जाता है और अंतर्निहित मांसपेशियों में डाला जाता है।

सवाल 3: इन्सर्शन के दिन हमें क्या करना चाहिए?

सर्जरी के दिन आपको लगभग छह घंटे पहले भोजन या पेय का सेवन करने से बचना होगा। सर्जरी आमतौर पर ऑपरेशन थिएटर में मशीन और जनरल एनसथीसिया के बाद शुरू की जाती है,  जिससे संक्रमण को रोका जा सके। एक बार जब आप होश में आ जाते हैं, तो आप कुछ घंटों के बाद नियमित रूप से मौखिक आहार शुरू कर सकते हैं।

आपको अपने शरीर के उस हिस्से पर कुछ चोट, सूजन, और नरम त्वचा महसूस हो सकती है, जहां पर पोर्ट को लगाया है। ये लक्षण आमतौर पर अगले 5 से 7 दिनों में धीरे-धीरे खत्म हो जाते हैं। बेचैनी से राहत और संक्रमण से बचाव के लिए दर्द निवारक और एंटीबायोटिक की सलाह दी जा सकती है। इन्सीशन वाली जगह को लगभग 23 से 48 घंटे तक ड्रेसिंग कर के छोड़ दिया जाता है। कैथेटर की नोक की स्थिति की पुष्टि करने के लिए आपका सर्जन छाती का एक्स-रे करा सकता है।

आपको अपने शरीर के उस हिस्से पर कुछ चोट, सूजन, और नरम त्वचा महसूस हो सकती है, जहां पर पोर्ट को लगाया है।

सवाल 4ः कीमो पोर्ट के दौरान कौन से जोखिम हो सकते हैं? 

वैसे तो आमतौर पर यह साधारण सी प्रक्रिया है। इसमें कुछ हद तक निम्नलिखित जोखिम शामिल हैंः 

  • संक्रमण: यह पोर्ट कई संक्रमण का कारण बन सकता है। आपका चिकित्सक आमतौर पर इसे संक्रमण रोकने वाला सावधानियों के तहत एंटीबायोटिक कवर देकर सावधानी बरततें है। यदि सेप्टिक के कोई संकेत दिखते हैं, और एंटीबायोटिक के बाद भी ठीक नहीं होता तो कीमो पोर्ट को हटा देना बेहतर रहता है।
  • थ्रोमबोसिस: यह वह स्थिति है जब कैथेटर में खून के थक्के जमा हो जाते हैं, और ऐसे में मरीज की नसों में कुछ भी पास नहीं होगा। हालांकि, इस तरह की स्थिति का सामना काफी कम ही करना पडता है। इस प्रक्रिया को पूरी तौर पर सक्षम मेडिकल स्टाफ द्वारा ही किया जाता है। 
  • उम्रः यह पोर्ट किसी कम उम्र के बच्चे को लगाया जाए, तो उसके शरीर के बढ़ने के चलते उसे परेशानी का सामना कर पडता है। ऐसी स्थिति में कैथेटर शरीर के हिसाब से छोडा पड सकता है। ऐसे में इस पर ध्यान रखना जरूरी है।
  • न्यूमोथोरैक्स: कई बार इस प्रक्रिया में, बक्लेवियन वेन या जुगुलर वेन को नुकसान पहुंच सकता है, जिसके परिणामस्वरूप हवा के रिसाव से फेफड़े को घायल कर सकता है, संभवतः इस परेशानी का कारण बन सकता है। वैसे तो न्यूमोथोरैक्स अनुभवी हाथों में, इसमें इसके चांस केवल 1 प्रतिशत होते हैं। क्योंकि हर बार मेडिकल टीम की ओर से स्थिति को सुनिश्चित करने के लिए अल्ट्रासाउंट किया जाता है।
  • आर्टरी इंजरीः सबक्लावियन आर्टरी कई बार इस प्रक्रिया में छिद्रित हो सकती है। ऐसे में पोर्ट प्लेसमेंट के लिए एक वैकल्पिक साइट का उपयोग करने की आवश्यकता हो सकती है। हालांकि ऐसे केस काफी कम होते हैं।

सवाल 5: मुझे कीमो पोर्ट वाली जगह को कैसे साफ करना चाहिए?

इन्सीशन एरिया पर आमतौर पर 24 से 48 घंटे के लिए ड्रेसिंग कर के छोड़ दिया जाता है। डॉक्टर  के अनुसार, इस ड्रेसिंग को 5 से 7 दिनों में बदल दिया जाता है। ऐसे में मरीज़ को इस एरिया को सूखा रखने की सलाह दी जाती है, नहाते समय ध्यान रखें कि यह पानी में गीला न हो। 4-5 दिन डाॅक्टर आपको न नहाने की सलाह भी दे सकते हैं, उसके बाद जब भी आप नहाएं, उस एरिया को हल्के हाथ से सूखाएं रगडे नहीं। 

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सवाल 6: कीमो पोर्ट के साथ जीवन कैसा होता है? 

पोर्ट को आपकी दैनिक गतिविधियों को नहीं बदलता है। सर्जरी के बाद कुछ दिनों से लेकर हफ्तों तक कड़े अभ्यास से बचें, ताकि शरीर ठीक हो सके। पोर्ट के किसी भी चीज से टकराने से बचें। एक बार जब आपके पोर्ट को आपके उपचार और संवहनी पहुंच की आवश्यकता नहीं होती है, तो इसे हटाया जा सकता है।

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