ऐसा अनुमान है कि हर दस में से एक भारतीय अपने जीवन में कभी न कभी कैंसर से पीड़ित होता है। कैंसर (Cancer) एक गंभीर बीमारी है। जो वक्त के साथ अपने पैर पसारता जा रहा है।
विश्व कैंसर दिवस एक ऐसा संगठन है जो कैंसर की मामलों को कम करने के लिए काम करता है और बेहतर कैंसर देखभाल का समर्थन करता है। हर साल, 4 फरवरी को विश्व कैंसर दिवस (World Cancer Day) मनाया जाता है। जिसका मकसद, लोगों को इस बीमारी के प्रति जागरूक करना है। दुनिया भर की सरकारें, संस्थाएं और समुदाय कैंसर के कारण को रोकने और इस बीमारी के इलाज में समर्थन करने के लिए अपना योगदान दे रहे हैं।
इस साल की थीम ‘क्लोज द केयर गैप’ (Close the care gap) है, जिसमें कैंसर में देखभाल के अंतर को उजागर किया गया है। कैंसर से पीड़ित सभी लोगों को समान स्तर की देखभाल नहीं मिलती है। उनका स्थान, आर्थिक स्थिति, लिंग और कई अन्य पहलू उन्हें प्राप्त होने वाले उपचार, सूचना और सहायता के प्रकार को प्रभावित करते हैं।
Onco.com एक कैंसर संस्थान होने के नाते अपनी सेवाओं के माध्यम से पूरे वर्ष इस अंतर को कम करने के लिए काम करता है। हमारे पास फरवरी महीने के लिए कुछ अतिरिक्त ऑफ़र और इवेंट भी हैं, जिसका उद्देश्य कैंसर देखभाल को सभी के लिए अधिक सुलभ बनाना है।
कैंसर देखभाल में वित्तीय अंतर
भारत में, कैंसर रोगियों और देखभाल करने वालों को लेकर सबसे पहले फाइनेंशल गैप प्रभावित करता है। कैंसर का इलाज व्यापक रूप से महंगा होता है और अधिकांश भारतीयों के लिए इसे कराना काफी कठिन है। सब्सिडाइज्ड कैंसर उपचार सुविधाएं आबादी की मांगों को पूरा करने में असमर्थ हैं, जिसके कारण रोगियों की लंबी प्रतीक्षा सूची होती है।
गुणवत्तापूर्ण कैंसर देखभाल को और अधिक किफायती बनाने के प्रयास में, हम ओंको केयर प्लस (Onco Care Plus) की पेशकश कर रहे हैं। जहां आप 399 प्रति माह पर, निम्नलिखित सेवाओं का लाभ उठा सकते हैंः
- ऑन्कोलॉजिस्ट के साथ निःशुल्क व्यक्तिगत परामर्श
- ऑन्कोलॉजिस्ट के साथ निःशुल्क ऑडियो कंसल्टेशन
- हमारे पाटनर्स लैब्स से नैदानिक परीक्षण और स्कैन पर 35 प्रतिशत की छूट
- हमारे पाटनर्स अस्पतालों से कैंसर के उपचार पर 5 प्रतिशत तक की छूट
- हमारे पाटनर्स से दवाओं की डिलीवरी पर 15 प्रतिशत की छूट
- ट्यूमर बोर्ड सेवा पर 50 प्रतिशत की छूट पाएं, जो आपके लिए बेहतर उपचार योजना देती है।
कैंसर देखभाल में जानकारी का अभाव
कैंसर रोगियों और देखभाल करने वालों को अक्सर दूसरे लोगों द्वारा कई प्रकार की गलत जानकारी या सलाह दी जाती है और इंटरनेट पर भी कैंसर का इलाज कैसे किया जा सकता है, इस बारे में बहुत सारी (गलत) जानकारी मौजूद हैं।
इस गैप को खत्म करने के लिए हम कैंसर केयर से जुड़े सभी सवालों के जवाब मुफ्त में दे रहे हैं। आप ओन्को कैंसर केयर ऐप को फ्री में डाउनलोड करके इस सेवा का लाभ उठा सकते हैं। इसका मतलब है कि आप बिना देरी के अपने सवालों के स्पष्ट जवाब प्राप्त कर सकते हैं।
इसके अतिरिक्त, ओंको केयर प्लस एक कम्प्लीमेंटरी, कस्टमाइज्ड न्यूट्रिशन प्लान भी प्रदान करता है, ताकि कैंसर रोगियों को पता रहे कि किस प्रकार के खाद्य पदार्थ उनकी उपचार योजना का अधिक से अधिक लाभ उठाने में मदद करेंगे।
हमारे केयर मैनेजर रोगी को कैंसर के सफर के दौरान निरंतर सहयोग देते हैं ताकि, यदि उन्हें सही कैंसर सुविधा की जानकारी चाहिए हो, या किसी विशेष दुष्प्रभाव से निपटने का तरीका वह एक ही स्थान पर सभी सही जानकारी प्राप्त कर सकते हैं।
कैंसर देखभाल में पहुंच का अंतर
भारत का 70 प्रतिशत हिस्सा ग्रामीण इलाकों में रहता है लेकिन, 90 प्रतिशत कैंसर देखभाल शहरी क्षेत्रों में केंद्रित है। कैंसर उपचार विशेषज्ञता तक पहुंच की यह समस्या महामारी की स्थिति से और भी बढ़ जाती है जहां लॉकडाउन और वायरस का डर लोगों को इलाज के लिए यात्रा करने से रोकता है।
डॉक्टर कंसल्टेशन और ट्यूमर बोर्ड जैसी ऑनलाइन सेवाओं के माध्यम से, हम इस गैप को कम करने और अधिक लोगों को बेहतर संभव सेवाएं प्राप्त करने में सक्षम बनाने की उम्मीद करते हैं, चाहे वे कहीं भी रहते हों।
इसके अतिरिक्त, हम जानकारी और अनुभव को साझा करने में सहायता के लिए विशेषज्ञ ऑन्कोलॉजिस्ट, कैंसर सर्वाइवर और मेडिकल प्रैक्टिशनर्स के साथ मुफ्त वर्चुअल इवेंट की ऑर्गेनाइज करते हैं।
कैंसर देखभाल में प्रौद्योगिकी गैप
कीमोथेरेपी, सर्जरी और रेडिएशन में अत्याधुनिक तकनीक अभी भी बड़े पैमाने पर बड़े शहरों के कुछ कैंसर केंद्रों तक मौजूद है। इन केंद्रों की जगह और दाम इन सुविधाओं को अधिकांश कैंसर रोगियों की पहुंच से बाहर कर देता है।
हमारे ओंको कैंसर केयर सेंटर के जरिए कैंसर के मरीज उपचार के लिए किसी भी स्थान से किफायती पैकेज पर, कैंसर देखभाल में विश्व स्तरीय तकनीक का लाभ उठा सकते हैं। सेंटर में कीमोथेरेपी और टारगेट थेरेपी जैसे उपचार एक सुरक्षित और आरामदायक वातावरण में प्रदान किए जाते हैं जो कि कोरोना वायरस के नियमों को ध्यान में रखकर होता है। इसके साथ मरीजों को स्कैल्प-कूलिंग तकनीक की सेवा भी मिलती है जो बालों के झड़ने जैसे दुष्प्रभावों को कम करती है।
कैंसर के बारे में खुल कर बात न करना
भारत में कैंसर को सामाजिक तौर पर गलत तरीके से देखा जाता है। समाज से दूरी के डर से लोग अभी भी अपने कैंसर के बारे में किसी दूसरे को बताने से हिचकिचाते हैं।
लेकिन, कैंसर सर्वाइवर के माध्यम से, जो अपनी कैंसर की कहानियों के बारे में खुलकर बताते हैं, हम इस प्रवृत्ति को बदलने की उम्मीद करते हैं। ये लोग किसी ऐसे व्यक्ति को भी परामर्श भी देते हैं, जिन्हें अपने कैंसर उपचार के दौरान समर्थन और प्रोत्साहन की ज़रूरत होती है।
हम कैंसर देखभाल के लिए एक समग्र दृष्टिकोण को भी बढ़ावा देते हैं, जिसमें रोगी के साथ-साथ कैंसर देखभाल करने वालों के लिए परामर्श सेवाएं भी शामिल हैं।
आप कैंसर के खिलाफ इस लड़ाई में कैसे शामिल हो सकते हैं?
यदि आप कैंसर गैप को खत्म करना चाहते हैं, तो हम आपसे आग्रह करते हैं कि कैंसर देखभाल में इन गैप्स को खत्म करने के लिए हमारे साथ शामिल हों। यहां कुछ तरीके दिए गए हैं जिनसे आप कैंसर के खिलाफ इस लड़ाई में शामिल हो सकते हैंः
जागरूकता को बढ़ावा दें
यदि आप किसी कैंसर रोगी या कैंसर देखभालकर्ता को जानते हैं जो ऊपर दी गई जानकारी से लाभान्वित हो सकता है, तो कृपया इसके बारे में उन्हें ज़रूर बताएं। उन्हें यह जानकर आश्चर्य होगा कि गुणवत्तापूर्ण कैंसर देखभाल पहले की तुलना में अधिक किफायती हो सकती है।
कैंसर के लक्षणों के बारे में जागरूकता आपको कैंसर का जल्द पता लगाने में मदद करती है। कैंसर का कारण क्या है और आप इसे कैसे विकसित करने के अपने जोखिम को कम कर सकते हैं, इस बारे में अपनी समझ में सुधार करने के लिए हमारे ब्लॉग पढ़ सकते हैं।
फरवरी कैंसर जागरूकता का महीना है, लेकिन साल का कोई भी दिन कैंसर के कार्यक्रम आयोजित करने का एक अच्छा समय है।
अपना चेकअप कराएं
हर साल अपना हेल्थ चेकअप करवाने से हमारे शरीर की परेशानियां उजागर हो सकती हैं। इसलिए ब्रेस्ट कैंसर से बचने के लिए नियमित तौर पर सेल्फ एग्जामिनेशन के साथ – साथ हेल्थ चेकअप करवाएं।
किसी भी गांठ के लिए अपने स्तनों की नियमित रूप से जाँच करने के लिए रिमाइंडर सेट करें। भारत में ब्रेस्ट कैंसर सबसे आम प्रकार का कैंसर है और अगर शुरुआती दौर में इसका पता चल जाए तो इसका आसानी से इलाज किया जा सकता है।
कैंसर के अपने पारिवारिक इतिहास के बारे में अपने डॉक्टर से बात करें ताकि पता चल सके कि आपको कौन से स्क्रीनिंग टेस्ट करवाने चाहिए। स्तन और सर्वाइकल कैंसर की पहचान बहुत ही प्रारंभिक अवस्था में साधारण स्क्रीनिंग टेस्ट के माध्यम से की जा सकती है।
एक स्वस्थ जीवनशैली चुनें
एक हेल्दी वजन रखने और एक सक्रिय जीवनशैली को फॉलो करने से आपके कैंसर के विकास के जोखिम को कम किया जा सकता है। आपकी जीवनशैली में साधारण बदलाव कैंसर की रोकथाम की दिशा में एक शुरुआत है।
प्रोसेस्ड फूड, रेड मीट, शक्कर, पेय आदि से बचना एक ऐसा बदलाव हो सकता है। ताजे फल और सब्जियों का सेवन भी इसमें काफी योगदान देता है।
तंबाकू का सेवन न करें
तंबाकू कैंसर का सबसे बड़ा कारण है। स्तन और सर्वाइकल कैंसर के बाद, भारत में सबसे आम प्रकार का कैंसर होंठ और ओरल कैंसर है। तम्बाकू इस प्रकार के कैंसर के सबसे महत्वपूर्ण कारणों में से एक है।
फेफड़े, मुंह और सर्वाइकल कैंसर सहित विभिन्न प्रकार के कैंसर के अलावा तंबाकू कई अन्य बीमारियों का कारण भी बनता है। यदि आपको अपनी तंबाकू की आदत छोड़ने में परेशानी हो रही है, तो एक नशामुक्ति परामर्शदाता (Drug addiction counselor) से बात करें जो आपको सफल होने में मदद करेगा।
आगे सफर लंबा है
कैंसर की देखभाल को वास्तव में सुलभ और समतावादी बनाने के लिए बहुत काम किया जाना बाकी है। हम हर उस व्यक्ति के साथ साझेदारी करने की आशा करते हैं जो भारत में कैंसर देखभाल में इन गैप को खत्म करना चाहता है।