लिम्फोमा एक कैंसर है जो लिम्फोसाइट्स (lymphocytes) नामक व्हसइट ब्लड सेल्स में होता है। यह शरीर को बीमारी से लड़ने में मदद करते हैं। ये कैंसर ज्यादातर लिम्फ नोड्स या अन्य लिम्फ ऊतकों में शुरू होते हैं। वे बोन मैरो और अन्य अंगों को भी प्रभावित कर सकते हैं। लिम्फोमा (Lymphoma) होने पर मरीज़ को बहुत ज्यादा लंबे समय तक बुखार, गले और बगल में गांठे महसूस होती है और वज़न काफी जल्दी गिरने लग जाता है।
लिम्फोमा कई प्रकार होते हैं, लेकिन इनमें से दो मुख्य हैं- हॉजकिन्स लिम्फोमा और नॉन-हॉजकिन लिम्फोमा। लेकिन इन दो प्रकारों के कई उपप्रकार हैं। इस समय, वैज्ञानिकों ने लिम्फोमा के 40-50 से अधिक विभिन्न उपप्रकारों की पहचान की है।
हॉजकिन लिंफोमा (Hodgkin lymphoma) एक प्रकार का कैंसर है जो लिम्फेटिक सिस्टम को प्रभावित करता है, जो इम्यून सिस्ट का हिस्सा है। हॉजकिन लिंफोमा मेंए लिम्फोसाइट्स नामक व्हाइट रक्त कोशिकाएं नियंत्रण से बाहर हो जाती हैं, जिससे पूरे शरीर में लिम्फ नोड्स में सूजन और वृद्धि होती है। हॉजकिन लिंफोमा कैंसर का उपचार किया जा सकता है और कई रोगियों को ठीक किया जा सकता है। मरीजों को आमतौर पर शुरूआत में उपचार के रूप में कीमोथेरेपी से गुजरना होता है। यदि हॉजकिन लिंफोमा की पुनरावृत्ति (recurrence) होती है, तो हाई डोज कीमोथेरेपी के साथ स्टेम सेल ट्रांसप्लांट रोग को खत्म करने में बहुत प्रभावी हो सकता है। इम्यूनोथेरेपी ने रिलैप्स हॉजकिन के लिंफोमा के उपचार में भी उत्कृष्ट परिणाम दिखाए हैं।
नाॅन-हॉजकिन लिम्फोमा किसी भी उम्र के लोगों को हो सकता है, लेकिन यह वृद्ध लोगों में अधिक आम है। इसका निदान ज्यादातर 55 की उम्र के से अधिक लोागों में होता हैं। हालांकि, कुछ प्रकार के नाॅन-हॉजकिन लिम्फोमा बच्चों को प्रभावित कर सकते हैं।
नाॅन-हॉजकिन लिम्फोमा (non-Hodgkin lymphoma) को आगे दो श्रेणियों में विभाजित किया गया है: बी-सेल लिम्फोमा और टी-सेल लिम्फोमा। नाॅन-हॉजकिन लिंफोमा वाले लगभग 80% रोगियों में होने वाले बी-सेल लिम्फोमा कहीं अधिक सामान्य हैं।
बी-सेल और टी-सेल लिम्फोमा के कई अलग-अलग उपप्रकार हैं। कुछ धीमी गति से बढ़ने वाले लिम्फोमा जैसे फॉलिक्युलर लिंफोमा (follicular lymphoma) तब तक देखे जा सकते हैं जब तक कि वे रोगी को असुविधा पैदा करने के लिए पर्याप्त बड़े नहीं हो जाते। इस प्रकार के मरीजों को आमतौर पर उपचार के पहले कोर्स के रूप में कीमोथेरेपी दी जाती है। यदि लिंफोमा फिर से वापस आ जाता हैए तो ऐसे मामलों के लिए स्टेम सेल ट्रांसप्लांट और सीएआर.टी सेल थेरेपी जैसे नए उपचार हैं।
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