स्तन कैंसर के संकेतों में आपके स्तन में गांठ महसूस होना, आपके स्तन के आकार में बदलाव का अनुभव करना और आपके स्तनों की त्वचा में बदलाव देखना शामिल हो सकते हैं। मैमोग्राम जल्दी पता लगाने में मदद कर सकता है। ब्रेस्ट कैंसर से जुड़े ऐसे ही कुछ सवालों के जवाब हम जानेंगे मेडिकल ऑन्कोलॉजिस्ट, पीयूष बाजपेयी से।
Breast cancer treatment
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हैदराबाद की रहने वाली दिव्या की मां को जब ब्रेस्ट में दर्द की शिकयत हुई, तो चैक कराने पर उनके स्तन कैंसर के बारे में पता चला। दिव्या के लिए ये सफर काफी कठिन था, कैंसर का नाम सुनकर ही उन्हें कुछ समझ नहीं आ रहा था। जिसके बाद उन्होंने onco.com से संपर्क किया।
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स्तन कैंसर के मामलों को सीमित करने में बेहतर जीवनशैली को अपनाना शामिल है। इनमें शराब और तंबाकू के सेवन को सीमित करना या उससे बचना, वजन को नियंत्रित करना, शारीरिक रूप से सक्रिय होना और जरूरत पड़ने पर स्तनपान कराना शामिल है।
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ब्रेस्ट कैंसर अलग-अलग जगहों पर शुरू हो सकता है, अलग-अलग तरीकों से बढ़ सकता है और इसके लिए अलग-अलग तरह के उपचार की जरूरत होती है। जैसे विशेष प्रकार के कैंसर कुछ उपचारों के लिए बेहतर प्रतिक्रिया देते हैं, वैसे ही कुछ कैंसर विशिष्ट खाद्य पदार्थों के लिए अच्छी प्रतिक्रिया देते हैं।
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कैंसर के वापस आने को पुनरावृत्ति कहा जाता है। लेकिन अगर आप रेमिशन में हैं, तो शायद आपका स्तन कैंसर वापस नहीं आएगा। स्तन कैंसर वाले अधिकांश लोगों में कभी भी पुनरावृत्ति नहीं होती है। लेकिन यह संभव है, कभी-कभी, कैंसर कोशिकाएं उपचार के बाद भी बनी रहती हैं और बाद में कई गुना बढ़ जाती हैं।
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यह स्तन कैंसर का इलाज शुरुआती चरणों में किया जा सकता है। इसलिए वक्त पर इसकी पहचान करना सबसे ज्यादा जरूरी है। इस ब्लाॅग में हम सीनियर रेडिएशन ऑन्कोलॉजिस्ट डॉ उपासना सक्सेना से जानेंगेए कि कैंसर के साथ रहने और उसका मुकाबला करने के पहलुओं से किस तरह से निपटा जाए।
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साल 2016 में झारखंड के हजारीबाग की दुर्गावती गुप्ता को अपने दाहिने स्तन में कैंसर होने का पता चला। जहां पहली बार उन्हें सही इलाज न मिलने से उनका कैंसर और बढ़ गया। लगभग एक साल बाद दुर्गावती को पैरालाइज अटैक आया जिसमें उनके आधे शरीर ने काम करना बंद कर दिया। इस ब्लॉग में हम उनके कैंसर के इस सफर के बारे में जानेंगे।
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महज 30 साल की उम्र में अर्चना चैहान को दो साल के भीतर कैंसर जैसी घातक बीमारी का दो बार सामना करना पडा। कोरोना काल के बीच दूसरी बार कैंसर का पता चलने पर वह इस माहामारी वाली बीमारी से भी नहीं बच पाई। अर्चना चैहान के इस ब्लाॅग में हम उनके कैंसर के सफर के बारे में जानेंगे।
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सीमा के कैंसर के सफर के बारे में यहां पढ़ें