ब्रेस्ट कैंसर: इस दुनिया का सबसे बड़ा दुख अपने माता-पिता को दर्द में देखना है

by Team Onco
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हैदराबाद की रहने वाली दिव्या की मां को जनवरी 2020 में ब्रेस्ट में दर्द रहने लगा, घरवालों ने इसे गैस की समस्या समझकर इस पर ज्यादा ध्यान नहीं दिया। उनकी परेशानी जब ज्यादा बढ़ गई तो उन्हें डाॅक्टर के पास दिखाया गया। दिव्या ने बताया कि डाॅक्टर ने उन्हें कुछ टेस्ट कराने की सलाह दी। जिनमें अल्ट्रासाउंट व ब्लड टेस्ट शामिल हैं। इसके बाद उनका मैमोग्राम और कोर व फाइन बायोप्सी भी हुई। दिव्या के पति ने अपनी सास की सारी रिपोर्ट अपने एक दोस्त जो कि एक लैब एसिंटेंट हैं, उन्हें दिखाई। जहां से उन्हें पता चला कि सी कैंसर हो सकता है। इससे पहले उनकी मां का इलाज किसी जनरल फिजिशियन के पास ही चल रहा था। 

छाती पर दर्द के बाद अपनी मां के कैंसर के बारे में पता चलना दिव्या के लिए किसी सदमे से कम नहीं था। जिसके बाद उन्होंने ऑनलाइन सर्च करते हुए, onco.com से संपर्क किया। जहां पर सारी रिपोर्ट शेयर करने के बाद उन्हें पता चला कि उनकी मां को स्टेज 2 का ब्रेस्ट कैंसर है। onco.com की तरफ से दिव्या को उनके बजट और सहूलियत को ध्यान में रखते हुए, डाॅक्टर से संपर्क कराया गया। जहां पेट स्कैन होने के बाद पता चला कि उनकी मां का कैंसर तीसरी स्टेज पर है। डाॅक्टर ने कहा कि हमें बिना देरी के, उनकी जल्दी से जल्दी सर्जरी करनी होगी। 

एक हफ़्ते के अंदर उनकी मां के इलाज की प्रक्रिया शुरू हुई और सर्जरी की गई। सर्जरी के बाद डाॅक्टर ने कीमोथेरेपी की सलाह दी। कीमो के पहली साइकल के बाद उनकी मां को किसी तरह की परेशानी या दुष्प्रभाव नहीं हुए। लेकिन दूसरी कीमो के बाद उन्हें चक्कर आना, कमजोरी, उल्टी भूख न लगना जैसे कई तरह के दुष्प्रभावों को सामना करना पड़ा। भूख न लगने की समस्या को लेकर onco.com की डायटिशियन की तरफ से उन्हें एक डाइट चार्ट दिया गया, जिसकी मदद उनके शरीर में पोषण की मात्रा पूरी रहे। एक बच्ची की मां होने के साथ दिव्या के आगे अब एक नहीं दो बच्चे थे, उनकी मां उपचार के दुष्प्रभावों से इस इस कदर परेशान हो गई थी कि वह आगे कि साइकल नहीं लेना चाहती थी। हालांकि, onco.com की काउंसलर ने इस दौरान उनका पूरा साथ दिया, वह दिव्या को जो बातें समझाती वह उसी तरह से वहीं बातें अपनी मां के आगे रखती। जो उनके इलाज में आगे बढ़ने में काफी मददगार साबित हुई।

अपनी के ब्रेस्ट कैंसर के बीच कोरोना महामारी दिव्या के लिए और बड़ी मुसीबत बन गई थी। एक वक्त ऐसा था कि जब वह अपनी मां से अलग थी और लॉकडाउन के चलते उनसे मिल भी नहीं पा रही थीं। एक वक्त ऐसा था कि दिव्या और उनके पति दोनों ही कोविड पॉजिटिव हो गए थे। ऐसे में उनकी मां और दिव्या दोनों के लिए ही इस सफर को पार करना काफी मुश्किल हो गया था। दिव्या का एक भाई है, जो नौकरी के लिए बाहर रहता है, ऐसे में उनके पिता के अलावा उनकी मां की देखभाल करनेवाला भी कोई नहीं था। जिसके चलते उन्होंने घर अपनी मां के घर पास ही लिया, ताकि उपचार के दौरान वह ठीक तरह से अपनी मां की देखभाल कर पाएं। हालांकि वक्त के साथ सभी कुछ ठीक हुआ और उनकी मां का उपचार भी हो गया। 

दिव्या बतातीं है कि उनकी एक छोटी बेटी है, लेकिन कैंसर के उपचार के दौरान उन्हें एक नहीं दो बच्चों की देखभाल करनी पड़ती थी। वक्त ऐसा था कि उनकी मां किसी भी बात को नहीं मानती थी, उपचार कराने से मना किया करती थी। लेकिन onco.com की मदद से वह आगे बढ़ी और उपचार पूरा किया। इस पूरे सफर में दिव्या का onco.com का काफी आभार व्यक्त करती हैं। जो लोग इस कैंसर के सफर से इस वक्त गुजर रहे हैं दिव्या का उनसे कहना है कि मरीज़ को जितना हो सके सकारात्मक महसूस कराएं। उपचार के दुष्प्रभावों से डर कर आगे न बढ़ना कोई इलाज नहीं है। इसलिए कैंसर के उपचार को पूरा कराएं और दुष्प्रभावों से निपटने में अपने मरीज़ का साथ दें। परिवार का साथ मरीज़ के लिए बेहद ज़रूरी है।

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