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ब्रेस्ट कैंसर पेशेंट सीमा की कहानी पार्ट-3ः नोटपैड की वो लिस्ट

आप इस कहानी के भाग 1 और भाग 2 को यहाँ पढ़ सकते हैं। 

Onco.com  के ऑन्कोलॉजिस्ट पहले यह सुनिश्चित करना चाहते थे कि, कैंसर केवल बाएं स्तन में है और ये शरीर के अन्‍य हिस्‍सों में न फैला हो। इसके लिए, उन्होंने सीमा का एक पूरा मेटास्टेटिक वर्कअप निर्धारित किया। सीमा के शरीर का पेट सीटी स्कैन यह जांचने के लिए किया गया, कि कहीं कैंसर शरीर के और अंगों में फैला तो नहीं है। इन सब के बीच, काफी कुछ बाकी था। 

डायग्नोस्टिक टेस्ट, मेटास्टैटिक वर्क-अप, पेट सीटी स्कैन और लिम्फ नोड्स जैसे शब्द सीमा की रोज़मर्रा की जिंदगी का हिस्सा बन गए थे।

Onco.com के केयर मैनेजर सीमा और उनके पति को सभी टेस्ट की जानकारी देने और उनकी तैयारी में मदद करने के लिए हमेशा मौजूद रहते थे।

डायग्नोस्टिक लैब के एक बड़े नेटवर्क से Onco.com की साझेदारी की मदद से, सीमा की पेट सीटी स्कैन के लिए अपॉइंटमेंट बुक करना बहुत आसान था।

सीमा ने ट्रीटमेंट प्रोसेस की सभी जरूरी बातों के नोट्स बना लिये, जैसे कि क्या किया जाना है, किसे सूचित करने की जरूरत है, हर प्रक्रिया के लिए उन्हें कहां जाने की जरूरत है… सीमा ने यह सारी बातें लिख कर एक डायरी में लिस्ट बना ली। 

आकाश ने उन्हें बताया कि पेट स्कैन कैसे किया जाता है और इस पूरी प्रक्रिया में 2 घंटे लग सकते हैं, इसलिए वह खाने में कुछ हल्का-सा ला सकती है, ताकि टेस्ट होने के बाद वह सेंटर में ही कुछ खा लें।

उन्हें सुबह टेस्ट के वक्त खाली पेट रहने के लिए कहा गया था, लेकिन वह पानी पी सकती थी। पेट स्कैन आमतौर पर इसी वजह से सुबह के वक्त ही किया जाता है।

स्कैन सेंटर पहुंचने के बाद, स्टाफ ने सीमा की पूरी जानकारी ली। सीमा को रेडियोलेबल्ड ग्लूकोज ट्रेसर (परीक्षण अभिकर्मक) के इंजेक्शन के लिए अंदर ले जाने से पहले उनका ब्लड ग्लूकोज लेवल चेक किया, यदि ब्लड ग्लूकोज लेवल की मात्रा अधिक होती है तो, टेस्ट रिजेंट में परेशानी होती है।

टेस्ट रिजेंट (परीक्षण अभिकर्मक) का इंजेक्शन देने के बाद सीमा को एक छोटे से कमरे में बैठा दिया गया, ताकि उनके खून के जरिए शरीर में वह पूरी तरह से फैल जाए और रेडियोलेबल्ड ग्लूकोज शरीर के अन्य अंगों में पहुंच जाए।

लगभग 40 मिनट के बाद, सीमा को पेट-सीटी स्कैनर रूम में ले जाया गया, जहाँ उन्हें टेस्ट के लिए लेटने को कहा और दूसरी कॉन्ट्रास्ट सीटी स्कैन डाई को इंजेक्ट किया गया।

जब तक हाई केमिकल एक्टिविटी के साथ ट्रेसरिजेंट नसों के जरिए शरीर में फैलता है, उसके बाद ट्यूमर शरीर के किस भाग में है, यह स्कैन इमेज में दिखाई देता है।

कई बार पेट सीटी स्कैन में कोशिकाओं के अंदर जमा रेडियोएक्टिव पदार्थ पीला-पीला चमकता हुआ दिखता है। इसे देखकर चिकित्सक कैंसर व उसके फैलाव का पता लगा लेते हैं।

सीमा के ट्रीटमेंट प्लान में अभी बहुत कुछ बाकी था। जिसने उनके दिमाग को व्यस्त रखा। उनके पास कई सवाल थे, जैसे “मेरे कैंसर की कौन-सी स्टेज है’’ और “इस महामारी के बीच ऑन्कोलॉजिस्ट के पास आना-जाना मेरे लिए सही है या नहीं”। हालांकि, सीमा ने इस बीच खुद के मन में ऐसे सवाल भी नहीं आने दिए, जिनका कोई जवाब नहीं था, जैसे “मुझे कैंसर क्यों हुआ”।

स्कैन की रिपोर्ट से ऑन्कोलॉजिस्ट को काफी संतुष्टी मिली। डॉक्टर ने बताया कि कैंसर अभी शरीर के अन्य भागों में फैला नहीं है। सीमा और उनके पति के लिए यह राहत भरी खबर थी। किसे पता था कि पेट सीटी स्कैन रिपोर्ट उनको इतनी खुशी दे सकती है।

इसके अलावा, हार्मोन रिसेप्टर्स ईआर/पीआर/एचईआर 2 (पिछले बायोप्सी ऊतक ब्लॉकों पर किया जाना) के लिए आईएचसी (इम्यूनो-हिस्टो केमिस्ट्री), और एक ताजा ब्लड वर्कअप निर्धारित किया गया। जिसके बाद स्थिति और साफ हुई। 

इसके बाद, बायोप्सी रिपोर्ट को डिकोड किया गया। सीमा ईआर, पीआर, और एचईआर 2- थी।

’’इसका क्या मतलब है’’? सीमा ने अपने पति को ऑन्कोलॉजिस्ट से बात करते हुए सुना।

“इसका मतलब है कि हम विशिष्ट हार्मोन रिसेप्टर्स को टारगेट कर सकते हैं, जो कैंसर को बढ़ा रहे हैं। ऑन्कोलॉजिस्ट ने समझाया, ”हम उन दवाओं को ट्रीटमेंट प्लान में जोड़ देंगे।”

ऑन्कोलॉजिस्ट ने बताया, “सीमा आपके बाएं स्तन में लगभग दो से तीन सेंटीमीटर का ट्यूमर है।” हालांकि, कोई एक्सिलरी लिम्फ नोड्स नहीं हैं। सीमा के चेहर कीे शिकन को देखते हुए, डाॅक्टर ने उन्हें बताया कि कैंसर अभी पहले स्टेज में है। यह बाएं स्तन से कही और नहीं फैला है और हार्मोन रिसेप्टर की रिपोर्ट से डरने की जरूरत नहीं है, जो लंबे वक्त के परिणामों के संदर्भ में अच्छी खबर है। इस तरह के कैंसर के परिणाम आम तौर पर बहुत अच्छे होते हैं।

अब सीमा को उम्मीद की किरण नजर आने लगी थी। अच्छा हुआ कि उन्होंने गांठ को जल्दी महसूस कर लिया। इसलिए कैंसर शुरुआती चरण में है। अगर वह इसे नज़रअंदाज़ करती या ध्यान नहीं देती, तो उनकी परेशानी और बढ़ सकती थी।

और इन सभी सकारात्मक प्रतिक्रियाओं के बाद, वास्तव में इलाज में क्या होगा? यह साफ हो गया।

ऑन्कोलॉजिस्ट ने उन्हें इस तरह समझायाः

“अगर आपका कैंसर पहली स्टेज में है, तो आपके ट्रीटमेंट प्लान का पहला कदम सर्जरी होगी।

“सर्जरी के लिए, आपके पास दो विकल्प हैं, सीमा। हम चाहते हैं कि आप ध्यान से सुनें और अपने विकल्पों को पूरी तरह से समझें। उसके बाद आप तय कर सकती हैं कि आपको क्या करना है।

“पहला विकल्प यह है कि आप स्तन संरक्षण सर्जरी करा लें। इस सर्जरी में, हम आपके स्तन को बिना नुकसान के केवल स्वस्थ ऊतक मार्जिन के साथ ट्यूमर को बाहर निकालेंगे और एक्सिलरी नोड्स को भी निकाल देंगे। तो ट्यूमर से छुटकारा पाने के लिए आपके स्तन को कोई नुकसान नहीं होगा।

“लेकिन अगर आप इस विकल्प को चुनती हैं, तो आपको बाद में विकिरण (रेडिएशन) थेरेपी की आवश्यकता होगी। इसमें हम हाई-एनर्जी एक्स-रे बीम का उपयोग करेंगे, जिसमें सर्जरी के बाद बचे हुए सूक्ष्म ट्यूमर विकिरण की मदद से हटाया जा सके। इससे आपके शरीर के उसी भाग पर दोबारा कैंसर के होने का खतरा भी कम होता है। इससे आपके स्तन की त्वचा पर कुछ दुष्प्रभाव हो सकते हैं, जो कि बाद में ठीक हो जाएंगें।

“दूसरे विकल्प में, आप एमआरएम (संशोधित रेडिकल मास्टेक्टॉमी) का विकल्प चुन सकते हैं, जिसमें आपके स्तन और एक्सिलरी नोड्स को हटा दिया जाएगा। एमआरएम के बाद आपको ज्यादातर रेडिएशन थेरेपी की जरूरत नहीं होगी, यदि आपकी सर्जरी के बाद की स्थिति वैसे ही बनी रही जैसा कि अब है (कभी-कभी हम स्तन पर ग्रंथियों या एक्सिलिया के लिम्फ नोड्स में व्यापक ट्यूमर जमा पाते हैं)। यदि आपके कैंसर की स्टेज बढ़ती है, तो रेडिएशन थेरेपी की आवश्यकता होगी। हालांकि, ऐसा होने की संभावना बहुत कम है, लेकिन हम चाहते हैं कि आपको इस बारे में पहले से पता रहे।

’’आपको अभी फैसला लेने की जरूरत नहीं है, आप इसके बारे में आराम से सोचो और कुछ दिनों में जवाब दोेे।”

सीमा को फैसला लेने के लिए ज्यादा दिनों की जरूरत नहीं थी। वह पहले से ही जानती थी कि उन्हें क्या करना है, लेकिन बस वह एक बार अपने पति से इस बारे में बात करना चाहती थी।

उस शाम, उन्हें बेटे को सुलाने के लिए तीन लोरीयां और साढ़े पांच के आस-पास सोने वाली कहानियां सुनानी पड़ी, हालांकि अंत में वह सो गया। 

जिसके बाद, सोफे पर बैठकर अपने पसंदीदा रियलिटी शो को देखने की बजाय, सीमा और उनके पति पेन और नोट पैड लेकर बैठ गए और ट्रीटमेंट के बारे में बात करने लगे, कि आखिर क्या तय करना है।

यह सब सीमा ने नोट पैड पर लिखाः

सीमा के फैसले के हिसाब से, सर्जरी की तैयारी शुरू होने लगी। 

इस प्रक्रिया में सबसे पहला काम यह पता करना था कि क्या इस सर्जरी में स्वास्थ्य बीमा कवर है और इसे क्लेम करने के लिए कौन-से डॉक्यूमेंटस जमा करने होंगे। 

सर्जरी के दौरान जब सीमा अस्पताल में भर्ती होगी, तो उनका बेटा कहां और कैसे रहेगा। हालांकि, उनकी माँ उनके बेटे की देखभाल करने के लिए तैयार हो गई थी। उसकी चीजों को पैक करना था, उसकी फेवरेट स्टोरी बुक नहीं छूटनी चाहिए, वरना वह परेशान हो जाएगा। 

इसके बाद सीमा को अपनी कंपनी के एचआर को अपने इलाज के बारे में बताना था, जिसके लिए उन्हें कुछ दिन की मेडिकल लीव की भी जरूरत होगी। 

सीमा ने फैसला किया कि वह अपने ऑफिस में सच्चाई बताएगी कि आखिर उन्हें मेडिकल लीव की आवश्यकता क्यों है। इसमें छिपाने का कोई मतलब नहीं है। हां, ठीक है उन्हें कैंसर है, लेकिन उनकी जिंदगी खत्म नहीं हो जाएगी।

इसके बाद सीमा ने अपने फेवरेट ऑनलाइन स्टोर से सर्जरी के बाद पहनने के लिए कुछ आरामदायक कपड़े आर्डर किये।

केयर मैनेजर ने उन्हें बताया कि नेगेटिव कोविड-19 रिपोर्ट के बिना, किसी को भी अस्पताल में इंट्री नहीं मिलेगी। इसलिए सीमा और उनके पति, दोनों को सर्जरी से दो दिन पहले कोविड टेस्ट कराना होगा, ताकि रिपोर्ट समय पर मिल सके।

सभी रिपोर्टों और परिणामों को अच्छे से भरना था, ताकि कुछ कमी न रह जाए और सर्जिकल ऑन्कोलॉजिस्ट के पास सभी आवश्यक जानकारी हो।

सीमा को सर्जरी से 8 घंटे पहले तक कुछ भी नहीं खाने की सलाह दी गई थी। उन्हें यह भी कहा गया था, कि ऑन्कोलॉजिस्ट से पूछे बिना कोई नई दवा न लें।

इन सब छोटी-छोटी बातों का ध्यान रखने के बाद, सीमा और उनके पति सर्जरी के लिए अपना बैग पैक करने लगे। सीमा की मेडिकल रिपोर्ट, उनके टॉयलेटरीज, कुछ कपड़े, एक जोड़ी गरम मोजे (क्योंकि एयर कंडीशन में हमेशा उनके पैर ठंडे पड़ जाते हैं) और उनका फोन (चार्जर के साथ) सभी को बड़े बैग में रखा। सीमा ने अपने सारे गहने निकाल कर रख दिए। 

उनके पति ने उन्हें विश्वास दिलाया कि अस्पताल में वह हर वक्त उनके साथ रहेंगे। यह सुनकर सीमा को बहुत राहत मिली। उन्होंने महसूस किया कि उनके पति का साथ उनके लिए कितना मायने रखता है। वह इस बुरे वक्त को एक भी कदम अपने पति के बिना गुजारने के बारे में सोच भी नहीं कर सकती थी।

सर्जरी के लिए रवाना होने से पहले अब बस उन्हें भगवान से प्रार्थना करनी थी। सीमा और उनके पति भगवान के आगे दोनों हाथ जोड़कर इस मुश्किल घड़ी में हिम्मत के लिए दुआ कर रहे थेे। जब सीमा ने आँखें खोलीं, तो उन्होंने देखा कि उनके पति उन्हें भगवान से प्रार्थना करते हुए देख रहे हैं।

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’’तुम्हें डर लग रहा है क्या ?’’ सीमा के चेहरे को पढ़ते हुए, उन्होंने पूछा। सीमा ने जिस तरह से सारी भावनाओं को दबाए हुए रखा था, वह खुलकर उनके पति के सामने आ गई। वह बहुत डरी हुई थी। अभी तक उन्हें लग रहा था कि वह सबकुछ अच्छी तरह से संभाल लेंगी।

जब सीमा प्रार्थना कर रही थी, उन्हें किसी भगवान का नहीं, बल्कि आँखों को बंद करके अपने बेटे का चेहरा दिखाई दे रहा था। वह अपने बेटे को अपने पास रखना चाहती थी। उन दोनों को एक दूसरे की जरूरत थी। उन्हें अपने बेटे के लिए ठीक होना था।

’’ सब ठीक हो जाएगा,’’ उनके पति ने उनसे कहा, ’’ डरा हुआ तो मैं भी हूं।’’

इसके बाद सीमा के पति ने उनकी हिम्मत बढ़ाई और कहा कि यह एक छोटी-सी सर्जरी है। चिंता की कोई बात नहीं है। यह जानने से पहले ही तुम घर वापस भी आ जाओगी। फिर, देखो मैं तुम्हारी सारी फेवरेट डिश भी बनाऊंगा, यहां तक कि दाल की बिरयानी भी।

’’दाल की बिरयानी ?’’ सीमा रोते-रोते हंसने लगी, ’’ऐसी कोई डिश नहीं होती है!’’

’’अरे होती है! मैंनेे एक साउथ अफ्रीकी वेबसाइट पर उसकी रेसिपी देखी है!’’ उनके पति ने कहा।

और दोनों रोते-रोते हंसने लगेे।

अस्पताल में, चिकित्सा कर्मचारियों ने प्री-एनास्थेटिक वर्क अप किया, जिसमें सीमा का ब्लड चेक अप और हार्ट रेट की जाँच की गई। सभी कुछ सामान्य था और सीमा सर्जरी के लिए तैयार थी।

सर्जरी लगभग डेढ़ घंटे तक चली। पहले 12 घंटों के बाद, सीमा को थोड़ा-सा जूस दिया गया और थोड़ा घूमने के लिए कहा गया। जिसके बाद, उन्हें हल्का खाना खाने की सलाह दी गई। तीसरे दिन, उन्हें अस्पताल से छुट्टी दे दी गई, क्योंकि उनकी हालत ठीक थी।

Team Onco

Helping patients, caregivers and their families fight cancer, any day, everyday.

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