सिर और गर्दन का कैंसर दुनियाभर में होने वाले कैंसर में छठे स्थान पर है। यह कैंसर हमारी नाक से लेकर गले तक के हिस्से में होता है। आज हम इस कैंसर से जुड़े हर सवाल के जवाब रेडियो ऑन्कोलॉजिस्ट डॉ त्रिरंजन बसु से जानेंगे।
सिर व गर्दन का कैंसर आमतौर पर हमारे दिमाग से गले तक के हिस्से को प्रभावित करता है। चिकित्सीय भाषा में इन क्षेत्रों को हेड एंड नेक कहा जाता है। हमारी नाक से गले तक किसी भी जगह पर जब कोई परेशानी होती है और वह लंबे वक्त तक रहती है तो उसे हेड एंड नेक कैंसर में गिना जाता है। मुंह में किसी तरह का घाव, दांतों का जीभ में लगना, आवाज में बदलाव, खाना खाने में परेशानी, पानी पीने में गला दर्द होना इस कैंसर के कुछ सामान्य लक्षण हैं। गले में किसी तरह की गांठ महसूस होने पर पर भी डॉक्टर की सलाह लेना बहुत जरूरी है।
आमतौर यह कैंसर उन लोगों को ज्यादा प्रभावित करता है, जो तंबाकू, बीड़ी, सिगरेट और शराब का सेवन करते हैं। पान सुपारी के सेवन से हमारे मुंह में छाले पनपते हैं, जब यह बार-बार होने लगे तो यह कैंसर का जन्म दे सकता है। ह्यूमन पैपिलोमा वायरस भी इसका एक कारण है।
सिर और गर्दन के कैंसर के बारे में अगर शुरुआती स्टेज में ही पता चल जाए तो बायोप्सी के बाद सर्जरी की जाती है। जब हमें इस बीमारी के बारे में दो से तीन स्टेज पर पता चल जाए तो कीमोथेरेपी और रेडिएशन दी जाती है। कई बीमारी को थोड़ा कम करने के लिए कीमो शुरू में दिया जाता है। जिसके बाद सर्जरी की जाती है, फिर दोबारा से कीमोथेरेपी और रेडिएशन थेरेपी दी जाती है। कुछ अन्य हिस्सों में जैसे कि हमारा वॉयस बॉक्स यदि वहां पर यह पहली स्टेज में हो जाए तो उसे रेडिएशन की मदद से ठीक किया जा सकता है। आसान भाषा में समझे तो सर्जरी, रेडिएशन और कीमोथेरेपी के संयोजन और शुरुआती स्टेज में किसी एक प्रक्रिया से इसका इलाज किया जाता है।
कैंसर का इलाज कौन सा है और इसकी प्रक्रिया इसके दुष्प्रभाव के प्रमुख कारक हैं। जैसे कि सर्जरी करने के बाद उस भाग को आमतौर पर निकाल दिया जाता है, ऐसे में वह हिस्सा हमारे शरीर में जो काम करता था, जाहिर तौर पर वह काम अब रुक जाएगा। वहीं रेडिएशन और कीमोथेरेपी के बाद मरीजों में मुंह में सूखापन, खाने के स्वाद में बदलाव, खाना निगलने में परेशानी होना कुछ संभावित दुष्प्रभाव हैं, हालांकि यह लंबे वक्त तक नहीं रहते हैं।
हेड एंड नेक का कैंसर का इलाज किसी एक व्यक्ति से नहीं हो सकता है। इसके साथ व्यावसायिक चिकित्सा की जरूरत भी होती है। जिसमें उपचार के बाद मरीज की जिंदगी में काफी बदलाव आते हैं, जिसके बारे में जानना बेहद जरूरी है। यदि सर्जरी के बाद आपका मुंह ठीक से नहीं खुलता है तो आपको थेरेपी देकर सिखाया जाता है। कई बार खाना पाइप के जरिए, दिया जाता है, ऐसे में इस प्रक्रिया के बारे में सीखना जरूरी है। खाना किस प्रकार का खाना चाहिए, यह जानना बेहद महत्वपूर्ण है। इलाज के बाद धीरे-धीरे हम वापस की जीवन शैली में कैसे लौटे यह जानना जरूरी है। थेरेपी के जरिए आपको व्यायाम, खाना घूटना यह सब सिखाया जाता है।
कैंसर की कोई भी बीमारी अगर पहली और दूसरी स्टेज में पकड़ में आ जाती है तो उसे किसी एक ही इलाज प्रक्रिया से ठीक किया जा सकता है। स्टेज तीन और चार में भी मरीज ठीक हो सकता है। यदि मरीज की चौथी स्टेज 4ए है तो सही तरीके से सर्जरी और कीमो की मदद से 60 से 70 प्रतिशत लोग ठीक हो सकते हैं। शुरुआती स्टेज में लगभग 70 से 80 प्रतिशत लोग ठीक हो सकते हैं। वहीं तीसरी और चौथी स्टेज में 30 से 40 प्रतिशत लोग ठीक हो सकते हैं, और वह लंबे वक्त तक जिंदा रह पाते हैं।
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