कैंसर एक ऐसा बीमारी है, जो केवल एक मरीज को ही नहीं बल्कि पूरे परिवार को प्रभावित करती है। कई बार लोगों को कैंसर के प्रति पूरी तरह से जागरूकता नहीं रहती है, जिससे उन्हें इलाज के लिए सही मार्गदर्शन नहीं मिल पाता है। ऐसा ही कुछ हुआ मुंबई के वासावी के रहने वाले परेश जी शाह के साथ। जिनकी मां को कैंसर के सफर के दौरान काफी कुछ सहना पड़ा।
दरअसल, दिसंबर 2020 में परेश की मां (लाभवंती जी शाह) को दाएं हाथ में दर्द महसूस होने लगा, जो उनके कंधे तक जाता था। और उन्हें अपना हाथ उठाने में दर्द महसूस होने लगा था। जिससे उनकी मां के इस हाथ का एक आर्थोपेडिक द्वारा एक्स-रे हुआ, घर वालों को लगा कि शायद दर्द की वजह से उनकी माता जी के हाथ में परेशानी हो रही होगी और इसी कारण हाथ ठीक से उठ नहीं पा रहा है।
एक्स-रे की रिपोर्ट के आधार पर परेश को अपनी मां के लिए पेट-स्कैन, सीटी स्कैन और एमआरआई कराने की सलाह दी गई। सभी टेस्ट कराने के बाद उन्हें अपनी मां के ब्रेस्ट कैंसर होने की बात पता चली। जिसके बाद उन्होंने अपने फैमिली डॉक्टर से संपर्क किया।
Onco.com से हुआ संपर्क
इसी बीच परेश को onco.com के बारे में पता चला। परेश ने ऑनलाइन onco.com पर जाकर अपनी मां की इस परेशानी के बारे में सारी जानकारी भरी। जहां से उन्हें कुछ ही देर में कंपनी की ओर से केयर मैनेजर का फोन आया। कंपनी की ओर से परेश से उनकी मां की रिपोर्ट मांगी गई, जिसके बाद एक ऑन्कोलॉजिस्ट से अपॉइंटमेंट बुक कराया गया। onco.com की तरफ से उन्हें कई अस्पतालों के विकल्प दिए गए, जहां से उन्हें इलाज कराने में आसानी हो। जिसके बाद उनकी मां का इलाज एचसीजी कैंसर सेंटर में शुरू हुआ। एचसीजी में उनकी मां की रेडिएशन थेरेपी की गई, पूरे उपचार के दौरान onco.com की ओर से एक केयर मैनेजर पूरे वक्त उनके साथ संपर्क में रहा।
परेश की मां को रेडिएशन के बाद हालांकि ज्यादा दुष्प्रभावों का सामना नहीं करना पड़ा। उन्हें अभी भी हाथ ऊपर उठाने में थोड़ी परेशानी का सामना पड़ता है। लेकिन दर्द में पहले से काफी हद तक आराम है। अभी फिलहाल दो महीने में उन्हें दवाओं पर रखा गया है, जिसके बाद पेट स्कैन और सीटी स्कैन कराने होंगे। फिलहाल परेश की मां की जीवनशैली में भी कुछ खास बदलाव नहीं आया है। डॉक्टरों ने उन्हें पहले जैसे ही खाने-पीने की सलाह दी है।
परेश बताते हैं कि इस पूरे उपचार के दौरान अस्पताल में onco.com की ओर से केयर मैनेजर एक परिवार के सदस्य की तरह उनके साथ रहे और डॉक्टर से हर तरह की जानकारी की अपडेट लेते रहे। फरवरी 2021 से शुरू हुए उपचार के दौरान दो महीने में उनकी मां की हालत में काफी हद तक सुधार है। फिलहाल, डॉक्टर के अगले कदम का इंतजार कर रहे हैं।