अगर आपके परिवार या दोस्तों में किसी को कैंसर हुआ है तो आपको अपने लिए भी कैंसर होने का खतरा महसूस हो सकता है। शोध बताते हैं कि नौ में से एक भारतीय को जीवन के किसी भी पड़ाव में कैंसर हो सकता है। कैंसर एक आम बीमारी होती जा रही है जिससे हमें ये सोचने पर मजबूर होना पड़ रहा है कि कहीं हमारी जीवनशैली और रोज की आदतों की वजह से तो ऐसा नहीं हो रहा है।
कैंसर व्यापक रूप से एक जीवनशैली से संबंधित बीमारी है। इसके कुछ अनुवांशिक कारण भी हो सकते हैं लेकिन ऐसे कैंसर मात्र 5 से 10% होते हैं। इसका मतलब यह हुआ कि भले ही हम कैंसर से पूर्ण रूप से बचाव नहीं कर सकते लेकिन फिर भी अपनी जीवनशैली सुधार कर हम इसके खतरे को कम कर सकते हैं।
यहां हम उन 6 आदतों के बारे में जानेंगे जिससे कैंसर होने का खतरा बढ़ता है।
तंबाकू अकेला सबसे बड़ा और सबसे ज्यादा रोकने योग्य कैंसर का कारण है। इससे मुंह और ओरल कैविटी, लंग कैंसर, सर्वाइकल कैंसर और अन्य बीमारियां होती हैं।
तंबाकू का सेवन गुटका, जर्दा, पैन मसाला आदि के रूप में करना सिर और गले के कैंसर का मुख्य कारण है। धूम्रपान, वेपिंग, हुक्का आदि तंबाकू सेवन के कई हानिकारक रूप हैं।
सरल शब्दों में, तंबाकू के सेवन की कोई सुरक्षित मात्रा नहीं है। लेकिन अच्छी खबर यह है कि एक बार आप धूम्रपान करना छोड़ दें तो आप कुछ सालों में कैंसर के खतरे को कम कर सकते हैं।
कई लोगों को धूम्रपान छोड़ने में दिक्कत महसूस होती है। ऐसे कई सपोर्ट ग्रुप, डी–एडिक्शन काउंसलर, मेडिकल प्रोफेशनल उपलब्ध हैं जो आपको सफलता से धूम्रपान छुड़वाने में आपकी मदद करेंगे।
चिप्स से ब्रेड तक प्रोसेस्ड फूड में कई प्रकार के खाने आजकल मार्केट में उपलब्ध हैं। कोई भी खाना जो आप तक पहुंचने से पहले उसके मूल रूप को बदल दिया गया हो उसे प्रोसेस्ड फूड कहते हैं। इसका मतलब यह हुआ कि कोई भी खाना जिसे प्रिजर्व करके या उसके नेचर को बदल कर पहले से पका दिया गया हो, फ्रोजन हो, कैन में हो, क्योर किया हुआ हो या पैकेज में हो, वे सभी प्रोसेस्ड फूड हैं।
आप अपने फ्रिज और पैंट्री में जाकर देखें कि वहां खाने के कितने सामान प्रोसेस्ड हैं। आप पाएंगे कि लगभग 30% तक का खाना जो हम खाते हैं वो प्रोसेस्ड होते हैं।
अपनी इस आदत को बदलने के लिए इच्छाशक्ति और प्रोत्साहन की जरूरत होती है, लेकिन सबसे आसान तरीका इसका यह है कि आप अपनी दिनचर्या में ताज़ा खाना शामिल करने के मजेदार और स्वादिष्ट तरीके खोजें।
उन व्यंजनों की एक लिस्ट बनाएं (रेसिपी के साथ) जिसे आप ताजे खाने की सामग्री से बना सकते हैं जैसे ताज़ी सब्ज़ियां, फल और साबुत अनाज (जैसे जौ,बाजरा)। अपने भोजन के प्रकार और स्वाद के अनुसार आपको ऐसी कई वेबसाइट मिल जाएंगी जो आपको इनकी रेसिपी दे सकती हैं। ऐसी जानकारी आपके हाथ में होगी तो आप प्रोसेस्ड फूड पर कम निर्भर रहेंगे।
खरीदारी करने से पहले एक लिस्ट बनाएं। उन सभी स्वस्थ सामग्री को लिखें जिसकी आपको जरूरत है और जब आप दुकान में हों तब जबरदस्ती की खरीदारी से बचें।
ताज़े फल और सब्जियां खोजें जिनका आप आनन्द ले सकते हैं। विभिन्न प्रकार के सामग्री और मसालों से प्रयोग करने पर भी मदद मिलेगी।
खाना पकाने के लिए ज्यादा समय निकालें। यह एक तरीका है जिससे आपकी खाने पीने की आदत में पूर्ण बदलाव आ सकता है। कई काम करने वाले प्रोफेशनल लोग खाना पकाने से कतराते हैं और पैकेज फूड पर निर्भर रहते हैं जिससे उनके खाने में पर्याप्त मात्रा में पोषण नहीं जा पाता है।
आप एंटी इंफ्लेमटरी डायट का पालन भी कर सकते हैं जिससे आपको कैंसर होने का खतरा कम होता है। यहां आपको रेसिपी के साथ भारतीय एंटीइंफ्लेमटरी डायट का पूरा मील प्लान मिलेगा।
अगर जगे रहने पर आप ज्यादातर बैठे ही रहते हैं तो आप मोटापे का शिकार हो सकते हैं। मोटापे से कैंसर का खतरा काफी बढ़ जाता है।
हफ्ते में 4 से 5 बार 30 मिनट तक एरोबिक व्यायाम करने से कैंसर समेत कई बिमारियों का खतरा कम हो जाता है। चलना एक आसान एरोबिक व्यायाम है। व्यायाम करते समय आप पानी पीते रहने का खास ध्यान रखें।
कोल्ड ड्रिंक और प्रोसेस्ड जूस में काफी अधिक मात्रा में चीनी पाई जाती है। अधिक चीनी वाली ड्रिंक्स पीने से कई प्रकार के कैंसर का खतरा बढ़ जाता है। ये मोटापे से भी जुड़ा हुआ है जिससे कैंसर का खतरा और हुई बढ़ जाता है
चीनी वाली ड्रिंक्स पीने से महिलाओं में कोलोरेक्टल कैंसर का खतरा बढ़ा हुआ पाया गया है।
शराब का सेवन करने से कई कैंसर होने का खतरा बढ़ जाता है जैसे मुंह, गला, वॉयस बॉक्स, खाने की नली, लिवर, कोलोन, रेक्टम और ब्रेस्ट के कैंसर। जहां कुछ कैंसर के लिए अधिक शराब के सेवन से कैंसर का खतरा बढ़ा हुआ रहता है वहीं कुछ अन्य प्रकार के कैंसर के लिए (जैसे ब्रेस्ट कैंसर) थोड़ा सी भी शराब की मात्रा से खतरा बढ़ जाता है।
रेड मीट जैसे मटन, लैंब और पोर्क खाने से बॉवेल और पेट के कैंसर होने का खतरा बढ़ जाता है। अगर आप नियमित रूप से रेड मीट खा रहे हैं तो इसे लीन मीट जैसे मछली और पोल्ट्री के साथ खाएं। प्रोटीन के अन्य सोर्स हैं अंडे, बींस, दाल आदि।
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