विश्व कैंसर दिवस (वर्ल्ड कैंसर डे) का आयोजन यूनियन फॉर इंटरनेशनल कैंसर कंट्रोल (यूआईसीसी) द्वारा किया जाता है और यह हर साल 4 फरवरी को मनाया जाता है। साल 2019 से 2021 तक तीन साल के लिए विश्व कैंसर दिवस का विषय रखा गया है ‘I am and I can’। जिसका मतलब है कि हर किसी में क्षमता है कि वह कैंसर से लड़ सकता है। इसी थीम के अनुसार, इन तीन सालों में कैंसर को लेकर जागरूकता कार्यक्रम आयोजित किए जाते हैं। विश्व कैंसर दिवस की स्थापना अंतरराष्ट्रीय कैंसर नियंत्रण संघ (यूआईसीसी) द्वारा की गई। यह एक अग्रणीय वैश्विक संस्था है। इसका लक्ष्य विश्व कैंसर घोषणा, 2008 के लक्ष्यों की प्राप्ति करना है। अंतर्राष्ट्रीय कैंसर नियंत्रण संघ (यूआईसीसी) की स्थापना साल 1933 में हुई थी। इस दिवस पर विभिन्न सरकारी एवं गैर-सरकारी संस्थाओं द्वारा कैंसर से बचाव के विभिन्न अभियान चलाए जाते हैं।
21 वीं सदी में कैंसर के प्रति जागरूकता बहुत महत्वपूर्ण हो गई है। इसके साथ ही कैंसर की समझ, निदान, और उपचार में भी प्रगति हुई हैं – ये कारक रोग को हराने में काफी हद तक अपना योगदान देते हैं। प्रत्येक वर्ष निदान किए गए नए कैंसर मामलों की संख्या में लगातार वृद्धि हुई है। 1990 में 8.1 लाख नए मामले सामने आए, 2000 में 10 लाख, 2008 में 12.4 लाख, और 2012 में 14.1 लाख। कैंसर से दुनिया भर में होने वाली वार्षिक मौतों की संख्या में भी वृद्धि हुई है – 1990 में 5.2 लाख, 2012 में 8.2 लाख, 2018 में अनुमानित 9.6 लाख। विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) के अनुसार, यदि कैंसर की घटनाओं की रिपोर्ट ISI दर से वृद्धि जारी रही, तो 2040 तक कैंसर से दुनिया भर में मौतों की संख्या 16.3 मिलियन से अधिक हो जाएगी।
हालांकि, WHO के अनुसार, कैंसर से होने वाली 40 प्रतिशत मौतों को रोका जा सकता है। कैंसर की रोकथाम के बारे में जागरूकता बढ़ाना दुनिया भर के कई कैंसर और स्वास्थ्य संगठनों का एक प्रमुख लक्ष्य बन गया है और विश्व कैंसर दिवस को प्रति वर्ष इस लक्ष्य के महत्व की पुनः पुष्टि का प्रतिनिधित्व करने के लिए मनाया जाता है।
‘I am and I can’ व्यक्तिगत प्रतिबद्धता तथा भविष्य को प्रभावित करने के लिए की जाने वाले गई व्यक्तिगत कार्रवाई की शक्ति का प्रतिनिधित्व के लिए सशक्त कार्रवाई का आह्वान करता है। आप जो भी हैं, आप में स्वयं, अपने प्रियजनों और दुनिया के लिए कैंसर के प्रभाव को कम करने की शक्ति है। यह व्यक्तिगत प्रतिबद्धता (commitment) लेने का समय है।
प्रथम विश्व कैंसर दिवस 1993 में जिनेवा, स्विट्जरलैंड में यूनियन फॉर इंटरनेशनल कैंसर कंट्रोल (यूआईसीसी) के निर्देशन में मनाया गया था। यह कुछ प्रसिद्ध कैंसर संस्थाओं, अनुसंधान संस्थानों, उपचार केंद्रों और रोगी समूहों के समर्थन द्वारा आयोजित किया गया था।
उस समय की रिपोर्ट के अनुसार, लगभग 12.7 मिलियन लोग कैंसर से पीड़ित थे, और लगभग 7 मिलियन लोग हर साल कैंसर के कारण अपनी जान गंवा रहे थे। इस घातक बीमारी को नियंत्रित करने के लिए विश्व कैंसर दिवस मनाया गया।
विश्व कैंसर (Cancer) दिवस कार्यक्रम को हर साल एक विशेष थीम के साथ मनाया जाता है, ताकि इसे अधिक परिणाम-उन्मुख बनाया जा सके और प्रति वर्ष मृत्यु अनुपात को कम किया जा सके। हमारे देश में लोगों को कैंसर से बचाने के लिए बहुत सारे अभियान चलाए जा रहे हैं। भारत में 7 नवंबर को कैंसर जागरूकता दिवस राष्ट्रीय स्तर पर मनाया जाता है।
हर साल 4 फरवरी को विश्व कैंसर दिवस मनाया जाता है। यूआईसीसी का उद्देश्य 2008 में लिखे गए विश्व कैंसर घोषणा का समर्थन करना है। इस दिवस को मनाने का प्राथमिक उद्देश्य कैंसर रोगियों की संख्या को कम करना और इसके कारण होने वाली मृत्यु दर को कम करना है। वैश्विक स्तर पर जब एक ही दिन विभिन्न सरकारों और संस्थाओं द्वारा कैंसर के प्रति जागरूकता फैलाने के उद्देश्य से विभिन्न कार्यक्रम किये जाते हैं तो लोगों पर इसका प्रभाव पड़ता है और आम जनता में कैंसर के खतरों और रोकथाम के बारे में जागरूकता आती है।
यही नहीं, विश्व कैंसर दिवस मनाने का उद्देश्य कैंसर के बारे में गलत धारणाओं को कम करना और इसके बारे में सही जानकारी प्राप्त करने में लोगों की मदद करना है। इस बीमारी से संबंधित कई मिथक हैं क्योंकि लोग कैंसर के रोगियों के साथ अछूत व्यवहार करते हैं, वे सोचते हैं कि अगर लोग कैंसर रोगियों के साथ रहेंगे तो उन्हें भी कैंसर हो जाएगा। इस प्रकार के सामाजिक मिथकों को दूर करने के लिए यह दिन मनाया जाता है। इसलिए, लोगों को पता होना चाहिए कि कैंसर के रोगियों को किस तरह और किस तरह का उपचार दिया जाता है।
कैंसर से ग्रस्त लोगों को एक सामान्य व्यक्ति की तरह जीने का पूरा अधिकार है और उन्हें आत्म-सम्मान महसूस करना चाहिए और अपने घर और समाज में एक सामान्य वातावरण प्राप्त करना चाहिए। इस तरह के मिथक को खत्म करने के लिए भी ये दिन मनाया जाता है। इसके होने के कारण, लक्षण और उपचार आदि जैसे कैंसर की सभी वास्तविकता के बारे में सामान्य जागरूकता बनाने के लिए इसे मनाया जाता है।
मानव शरीर कईं अनगिनत कोशिकाओं यानी सैल्स से बना हुआ है और इन कोशिकाओं में निरंतर ही विभाजन होता रहता है। यह एक सामान्य प्रक्रिया है और इसपर शरीर का पूरा नियंत्रण होता है। लेकिन, कभी-कभी जब शरीर के किसी विशेष अंग की कोशिकाओं पर शरीर का नियंत्रण बिगड़ जाता है और कोशिकाएं बेहिसाब तरीके से बढ़ने लगती हैं, उसे कैंसर कहा जाता हैं।
विभिन्न प्रकार के कैंसर होते हैं और इसे विकसित करने के कारण भी अलग-अलग होते हैं। लेकिन, कुछ अन्य कारण हैं –
ऐसा पाया गया है कि भारत में होने वाले कैंसर मरीज़ों की संख्या की जीवनशैली में बदलाव, तम्बाकू और मदिरा निषेध के द्वारा 50 प्रतिशत तक काम किया जा सकता है। यदि हम उचित व्यायाम का नियम बनाएं, वज़न नियंत्रित रखें, ताज़ा शाकाहारी भोजन को प्राथमिकता दें, कैंसर कारक भोजन तत्वों से बचें और साथ ही तम्बाकू और शराब का सेवन बंद कर दें, तो हम अपना कैंसर होने का खतरा काफी हद तक काम कर सकते हैं।
कैंसर का जितनी जल्दी पता चल जाये उतना बेहतर माना जाता है, क्योंकि प्रारंभिक स्थिति में जब कैंसर अपने प्राथमिक स्थान पर सीमित रहता है तो उसका संपूर्ण इलाज संभव होता है और काम तकलीफ में कैंसर को ख़त्म किया जा सकता है।
कैंसर एक ऐसी जटिल बीमारी है कि इसके इलाज की कई विधाएँ हैं जिनको साथ में इस्तेमाल करके उचित इलाज किया जाये तो बेहतर परिणाम मिलने की संभावना होती है और यदि सही इलाज न हो तो कैंसर का इलाज सफल नहीं हो पाता है। कई अनुसंधानों में पाया गया है कि सही इलाज करना कैंसर पर विजय प्राप्त करने के लिए नितांत आवश्यक है। इसलिए कैंसर के इलाज को शुरू करने के पहले एक संपूर्ण ट्रीटमेंट प्लान बनायीं जानी चाहिए, जिसमें की विभिन्न विधाओं के विशेषज्ञों की भागीदारी हो और उसी योजना अनुसार सही इलाज किया जाना चाहिए। इस प्रक्रिया को ट्यूमर बोर्ड भी कहा जाता है। साथ ही कैंसर के इलाज के पूर्व किसी अन्य वरिष्ठ चिकित्सक से सेकंड ओपिनियन (दूसरी राय) लेने में कोई बुराई नहीं है। सेकंड ओपिनियन लेने से मरीज़ों को भी निश्चितता रहती है और कुछ त्रुटि होने की संभावना भी काम हो जाती है।
कैंसर के इलाज के लिए सही विशेषज्ञ के पास जाना भी अत्यंत महत्त्वपूर्ण है, क्योंकि आज कल विभिन्न कैंसर के लिए खास विशेषज्ञता रखने वाले चिकित्सक उपलब्ध हैं जो कि विशेष प्रकार के कैंसर के इलाज में सक्षम होते हैं।
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