अगर आपके किसी प्रियजन को कैंसर है और आप किसी दूसरे शहर या देश में रहते हैं तो यह काफ़ी चिंताजनक स्थिति हो सकती है। आपको ऐसा महसूस होगा कि ऐसी परिस्थिति में आपको उनके साथ होना चाहिए था, लेकिन कुछ कारणों से आप ऐसा नहीं कर पाते हैं। इससे आपको बेचैनी हो सकती है और कभी–कभी दोषी जैसा भी महसूस हो सकता है।
इस ब्लाॅग में हम जोनेंगे कि आप कैसे दूर रह कर भी अपने किसी प्रियजन के लिए केयरगिवर की भूमिका निभा सकते हैं।
ज्यादातर केयरगिवर जो दूर रहते हैं वे अपने प्रियजनों से ऑडियो या वीडियो कॉल के जरिए जुड़ सकते हैं। फिर भी, इस बात का ध्यान दें कि मरीज के लिए बात करने का सबसे उपयुक्त समय कौन सा है जिससे आपकी बातें बेहतर हों सके।
मरीज के साथ रहने वाले केयरगिवर से बात करके मरीज को कॉल करने का और मिलने का सही समय पूछें।
उन बातों की लिस्ट बनाएं जिनके बारे में मरीज बात करना पसंद करते हैं और किन बातों से वे दुखी हो जाते हैं। अगर वे कैंसर के इलाज की बात करना पसंद करते हैं तो आप आराम से उनसे इस बारे में बात कर सकते हैं कि वे इलाज की किस प्रक्रिया से गुजर रहे हैं।
अगर इस बात से वे दुखी हो जाते हैं तो ‘न्यूट्रल’ विषयों के बारे में बात करें जैसे आपस के दोस्तों के बारे में, परिवार के बाकी सदस्यों के बारे में, मौसम, टीवी पर आने वाले किसी शो, या स्पोर्ट्स के बारे में भी बात कर सकते हैं। जिस बात से वे आराम महसूस करें, उसी बात पर टिके रहें।
अगर आप उनसे किसी निश्चित समय पर कॉल करने का वादा करते हैं तो यह सुनिश्चित करें कि आप उन्हें उस समय पर कॉल जरूर करें। अपने फ़ोन में रिमाइंडर लगा लें जिससे आप कॉल करना न भूलें।
आपके फ़ोन कॉल का मकसद यह है कि आप उन्हें प्यार महसूस करा पाएं। किसी भी प्रकार के बहस से बचें और कोशिश करें कि पेशेंट को अच्छा महसूस हो।
आजकल आपको सभी रिपोर्ट, टेस्ट और कंसल्टेशन के स्कैन की डिजिटल कॉपी मिल जाएगी। अगर मुमकिन है तो इन सभी के रिकॉर्ड बना कर अपने पास रखें। मरीज के साथ रहने वाले केयरगिवर को यह पता रहे कि अगर उनसे कोई रिपोर्ट खो जाती है तो आपके पास सभी रिपोर्ट की बैक–अप कॉपी है।
साथ ही, आप इस बात का भी रिकॉर्ड रखें कि मरीज लगातार कोई स्वास्थ संबंधी शिकायत कर रहा है या फिर वो किसी साइड-इफेक्ट्स से परेशान है जो कि उसके ठीक होने में बाधा डाल रही है।
ऐसा भी हो सकता है कि मरीज के साथ रहने वाले केयरगिवर (लोकल केयरगिवर) पर कई बार बहुत ज्यादा स्ट्रेस हो जाता है। इसलिए ये स्वाभाविक है कि वे कुछ भूल जाएं जिसे आप उन्हें याद दिला सकते हैं।
ये करते समय ध्यान रखें कि आपका मकसद लोकल केयरगिवर की मदद करना है न कि उन्हें अक्षम महसूस कराना। हमेशा उनके प्रति नम्र भावना रखें क्योंकि, वे ही सबसे पहले देखभाल करने वाले होते हैं जो कि मरीज की सेवा का सबसे बड़ा हिस्सा संभाल रहे होते हैं।
अक्सर पैसे की व्यवस्था करना कैंसर के सफर का सबसे तनावपूर्ण काम हो जाता है। अगर आपके प्रियजन के लिए के इलाज में कोई पैसे से संबंधित परेशानी आ रही है तो आप उन्हें फंड दिलाने में मदद कर सकते हैं। क्राउड फंडिंग या लोन जैसे विकल्प आपके काम आएंगे।
Onco.com, ओंको केयर प्लस सब्सक्राइबर्स के लिए इलाज के खर्च, दवाओं के खर्च, डायग्नोस्टिक्स आदि पर भी छूट प्रदान करता है। इससे आप कैंसर के खर्च में 50,000 रुपये तक बचा सकते हैं। इसके बारे में अधिक जानकारी यहां पाएं।
इलाज के कई पहलू होते हैं जो दूर से नहीं संभाले जा सकते हैं। उदाहरण के लिए डॉक्टर के पास अपॉइंटमेंट या कीमोथेरेपी के लिए लेकर आना या जाना। इसके लिए आपको कुछ स्थानीय दोस्त या परिवार को खोजना चाहिए जो आपकी मदद कर सकें।
कभी-कभी इलाज का पूरा विवरण अकेले नियंत्रित करना कठिन हो सकता है। किसी दोस्त या परिवार के सदस्य से कुछ काम में मदद के लिए पूछें।
आप प्रोफेशनल हेल्थ केयर के विकल्प भी खोज सकते हैं: जैसे, नर्स या डोमेस्टिक हेल्पर जो मरीज की प्रतिदिन के काम में मदद कर सके।
कभी-कभी काफी कम समय में आपको अपने प्रियजन के पास आना पड़ सकता है। ये या तो घर पर या अस्पताल में देखभाल करने में मदद के लिए हो सकता है। खुद को आर्थिक और मानसिक रूप से तैयार रखें। अपने जरूरी सामान का एक बैग हमेशा तैयार रखें ताकि, आपको आखिरी समय में पैकिंग करने की परेशानी न हो।
यदि आप अनिश्चित हैं कि आप और अधिक मदद कैसे कर सकते हैं, तो रोगी और लोकल केयरगिवर से पूछें कि आप क्या कर सकते हैं।
लंबी दूरी की देखभाल करने वाले अक्सर लोकल केयरगिवर के समान तनाव और चिंता का सामना करते हैं। इस पहलू को कभी-कभी उपेक्षित किया जाता है और इसके परिणाम बहुत हानिकारक हो सकते हैं।
भले ही आप शारीरिक रूप से मरीज के पास नहीं मौजूद हैं आप यह पाएंगे कि आपकी दिनचर्या और पारिवारिक जीवन इस बीमारी से प्रभावित रहते हैं। अपने सह कर्मियों और करीबी परिवार के सदस्यों को इसकी जानकारी दें, जिससे उन्हें आपके काम की डेड लाइन या रोज़ाना का कोई काम भूल जाने पर भी कैसी प्रतिक्रिया देनी है इसका अंदाजा रहे।
खुद का ख्याल रखें, ताकि आप शारीरिक और मानसिक रूप से स्वस्थ रहें। अगर आप खुद ही बीमार रहेंगे तो दूसरों की ज्यादा मदद नहीं कर पाएंगे।
काउंसलर से बात करके सलाह लें, कि इस परिस्थिति का कैसे सामना करना चाहिए।
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