कैंसर के मरीजों को आमतौर पर खाने में मन न लगना, भूख कम होना, उपचार के कारण खाने का स्वाद न आना, उल्टी और दस्त जैसे कई प्रकार की दिक्कतों का सामना करते हैं। जिसके कारण उनके शरीर में पर्याप्त पोषण नहीं पहुंच पाता। पर्याप्त पोषण की कमी रोगी की सामान्य स्थिति को प्रभावित करती है, जिससे वे कमजोर हो जाते हैं और अधिक दुष्प्रभावों और संक्रमणों की चपेट में आ जाते हैं। जिसके बाद, ये समस्याएं कैंसर के उपचार में काफी दिक्कतों का कारण बनती हैं और इस रुकावट से उपचार का सही परिणाम आना काफी मुश्किल हो जाता है।
एक डाइट प्लान का उद्देश्य यह सुनिश्चित करना होता है कि कैंसर रोगी अपने भोजन का सेवन बेहतर तरीके से करें। यह उनके निर्धारित एंटी-कैंसर उपचार में रुकावट के जोखिम को कम करता है, जिससे उपचार के परिणामों और उनके जीवन में सुधार होगा।
कैंसर रोगियों के लिए संतुलित आहार में सब्जियां, फल और साबुत अनाज शामिल होते हैं। आहार में पर्याप्त मात्रा में पानी शामिल करना सबसे ज़रूरी है। आपका आहार आपको लगभग 18.5 और 25 kg/m2 के बीएमआई (बॉडी मास इंडेक्स) को बनाए रखने में मदद करता है।
नीचे दी जानकारी उन लोगों के लिए हैं, जो कैंसर के रौगी हैं और जिनका उपचार चल रहा है। यदि आपको मधुमेह (डायबिटीज) जैसी समस्या है, तो आप ये मील प्लान फॉलो करने से पहले अपने चिकित्सक या डायटिशियन से सलाह ज़रूर लें।
सुबह के नाश्ते, चाय के समय के नाश्ते और खाने के बीच में स्नैक्स में आप इन हल्के आहार का सेवन कर सकते हैं। तीन बड़ी मात्रा में भोजन सेवन करने की बजाय छोटी मील आपकी सेहत के लिए बेहतर होती है, इसलिए आप इन्हें किसी भी समय पर ले सकते हैं।
छोटे मील में आप प्रोटीन का सेवन ज्यादा करें। नीचे दी गई सूची में से आप इन चीजों का सेवन आसानी से कर सकते हैं:
1- अंडे: प्रोटीन का एक अच्छा स्रोत होने के चलते, हर तरह से खासतौर पर अंडा भूर्जी या हाफ फ्राइड आपकी भूख में सुधारने मदद करते हैं।
2- ड्राई फ्रूट्स : बादाम जैसे ड्राई फ्रूट्स प्रोटीन का अच्छा स्रोत है, यह एक बढि़या और स्वाटिष्ट स्नैक के तौर पर इस्तेमाल किया जा सकता है।
3- पीनट बटर : बाज़ार में आपको कई प्रकार के पीनट बटर मिल जाएंगे। जो मीठा भी नहीं होता, आप इसे टोस्ट या रोटी में लगाकर खा सकते हैं।
4- पनीर : पनीर क्यूब्स का सेवन सेहत के लिए काफी अच्छा है। घर पर बना पनीर आपके स्वास्थ्य के लिए प्रोसेस्ड वाले से ज्यादा अच्छा है।
5- स्प्राउट्स : स्प्राउट्स (अंकुरित मूंग दाल) को नींबू और नमक के साथ मिलाकर खाया जा सकता है, अगर आपको मीठा पसंद है तो आप उसमें थोड़ा शहद भी मिला सकते हैं।
6- उत्तपम: दक्षिण भारतीय व्यंजन स्प्राउट्स (अंकुरित मूंग दाल) और चावल के मिश्रण से बनाए जाते हैं। आप स्वाद के लिए इसमें प्याज, धनिया, टमाटर आदि डाल सकते हैं।
7- दही वड़ा: दही और मूंग दाल जैसे हाई प्रोटीन वाले खाद्य पदार्थों का एक संयोजन पौष्टिक विकल्प हो सकता है।
8- स्मूदी: दूध के साथ केले और सेब जैसे फलों को मिलाकर, आप कई प्रकार के मिल्कशेक और स्मूथी बना सकते हैं। आप चाहें तो गाजर, पालक और चुकंदर जैसी सब्जियों को भी इसमें शामिल कर सकते हैं। इसको गाढ़ा और ज्यादा हेवी करने के लिए आप इसमें ओट्स या ड्राई फ्रूट्स मिला लें।
मुख्य भोजन में इन चीजों को ज़रूर शामिल करें:
हमारा एक वक्त का खाना अनरिफाइंड फ्लोर (अपरिष्कृत आटा) जैसे बाजरा, ज्वार, जई, ब्राउन राइस आदि का बना होना चाहिए। ये लगातार थकान और कमजोरी से निपटने के लिए हमारे शरीर के अंदर ऊर्जा का स्तर बनाए रखने में मदद करते हैं।
जैसे: ब्राउन राइस खिचड़ी, ज्वार की रोटियां, ओट्स का दलिया
मीट, दाल और बीन्स, सोयाबीन, डेयरी उत्पाद, आदि प्रोटीन के अच्छे स्रोत हैं।
1- आपको ध्यान रखना है कि इसमें आप हल्के मीट का सेवन करें जैसे कि मछली। रेड मीट खाने से बचें क्योंकि ये पचाने में थोड़ा मुश्किल होता है।
2- मटर, छोले (चना), दाल (दाल), किडनी बीन्स (राजमा) में प्रोटीन अच्छी मात्रा में होता है।
3-दही का रायता बनाकर आप इसे अपने हर मील में शामिल कर सकते हैं। आप चाहे तो इसमें हल्के मसालें भी डाल लें।
हैदराबाद की अमेरिकन ऑन्कोलॉजी इंस्टीट्यूट- मेडिकल ऑन्कोलॉजिस्ट डॉ सुधा सिन्हा कहती हैं, “कि हमें हर दिन दो से तीन कप सब्जियों का सेवन करना चाहिए। बहुत से लोग मानते हैं कि क्योंकि वे शाकाहारी हैं, वे बहुत सारी सब्जियों का सेवन करना उनके लिए कोई बड़ी बात नहीं है। लेकिन, ऐसा हमेशा नहीं होता। हमारे भोजन में सब्जियों की मात्रा दो से तीन कप तक बढ़ाना काफी ज़रूरी है।” इसके अलावा, वह रोज़ाना एक से दो फल खाने की सलाह भी देती हैं।
आपके डॉक्टर द्वारा आपके शरीर को हाइड्रेटेड रखने के लिए दिन भर बहुत सारा पानी पीने की सलाह दी जाती है। पानी के अलावा, आप फलों का रस और नींबू पानी का सेवन भी कर सकते हैं।
आपके शरीर के लिए हानिकारक तत्व (जैसे तंबाकू) या कुछ और जो आपके एनर्जी लेवल को अचानक से बढ़ा देते हैं, बाद में कमज़ोर कर देते हैं, इस तरह के तत्वों का सेवन करने से बचें। नीचे कुछ निम्न तत्व दिए हैं :
कीमोथेरेपी का एक आम दुष्प्रभाव मतली (nausea) और उल्टी आना होता है। यह आपके द्वारा उपभोग किए जाने वाले पोषण तत्वों और कैलोरी को प्रभावित कर सकता है। यहाँ कुछ तरीके बताए गए हैं, जिनसे आप मतली और उल्टी की समस्या को कम कर सकते हैं:
1- कम मात्रा में भोजन करने से उल्टी होने की संभावना कम होती है।
2- फैटी और ज्यादा तले हुए खाद्य पदार्थों का सेवन करने से बचें।
3- खाने के बीच पेय पदार्थों या हेल्थी सूप का सेवन करें।
4- ज्यादा चीनी वाले खाद्य या पेय पदार्थ का सेवन करने से बचें।
5- बैठ कर आराम से भोजन करें।
6- तेज़ सुगंध वाले खाद्य पदार्थों का सेवन करने से बचें।
यदि आपकी मतली (nausea) स्थिति ठीक नहीं होती है, तो डॉक्टर आपको anti-nausea की कुछ दवाएं दे सकते हैं।
यहां एक मील प्लान का एक सैंपल दिया गया है, जिसे आप डाउनलोड और प्रिंट कर सकते हैं।
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