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कोलकाता में बेस्ट स्टीरियोटैक्टिक रेडियोसर्जरी डॉक्टर
कोलकाता में स्टीरियोटैक्टिक रेडियोसर्जरी के लिए पूछे जाने वाले प्रश्न
यह प्रक्रिया चिकित्सा के विशेषज्ञों की एक टीम द्वारा की जाती है, जिसमें रेडिएशन ऑन्कोलॉजिस्ट, रेडिएशन मनोवैज्ञानिक, न्यूरोसर्जन, मेडिकल फिजिसिस्ट, डोज़ का निर्धारण करने वाले डोजिमेट्रिस्ट एवं सहायता करने वाली विशेषज्ञ नर्स शामिल हैं।
अधिकांश मरीजों के लिए यह एक सुरक्षित प्रक्रिया है। पुराने पद्धति की तुलना में इसमें कम खतरा है। गंभीर दुष्प्रभाव (साइड-इफेक्टस) बहुत कम हैं। रेडिएशन आस-पास के स्वस्थ कोशिकाओं तक ही सीमित है जिससे सेकेंडरी कैंसर होने की संभावना काफी कम हो जाती है।
• यह ट्यूमर या घाव को चुनते हुए वहीं काम करता है तथा स्वस्थ कोशिकाओं का बचाव करता है।
• यह आस-पास की स्वस्थ कोशिकाओं को रेडिएशन के दुष्प्रभावों से बचाता है।
• यह सिर और गर्दन के कैंसर और बच्चों में होने वाले कैंसर के लिए प्रभावी है।
• यह कई तरह के ब्रेन ट्यूमर के उपचार में सहायक है और सर्जरी का एक विकल्प है।
ट्यूमर को संकुचित करने में 12 महीने से 2 साल तक का समय लग सकता है क्योंकि यह ट्यूमर को सीधे नष्ट नहीं करता। यह कैंसर की कोशिका के DNA को बदल कर उन्हें दोबारा पैदा होने से रोकता है जिसके बदले में ट्यूमर नष्ट हो जाता है।
इलाज से एक रात पहले डॉक्टर आपको कुछ भी न खाने-पीने और कुछ दवा न लेने की सलाह देंगे। यदि आपको कन्ट्रास्ट मीडिया या आयोडीन से एलर्जी है, बंद जगह में घुटन महसूस होती है,या फिर आपके शरीर में कोई इम्प्लान्ट (प्रत्यारोपण) है तो अपने डॉक्टर को इसकी जानकारी दें।आप वर्तमान में जो दवाइयाँ खा रहे हैं उसकी भी जानकारी डॉक्टर को दें। किसी प्रकार का आभूषण, चश्मा, आँखों के लेंस, मेकअप या बाल के प्रसाधन का इस्तेमाल न करें।
हाई रेडिएशन की मात्रा से यह ट्यूमर का इलाज तय सीमित क्षेत्र तक करता है जिससे आस-पास की स्वस्थ ऊतक नष्ट होने से बच जाते हैं। कई मामलों में रेडिएशन थेरेपी की तुलना में रेडियोसर्जरी के कम साइड-इफेक्टस हैं। इसलिए, इस प्रक्रिया की सफलता दर 80-90% है और मरीज के जीवित रहने का दर भी 50-80% तक बढ़ जाता है।
निम्न तीन प्रकार के उपकरण पाए जाते हैं और तीनों ही अलग-अलग प्रकार के औजार एवं रेडिएशन का उपयोग करते हैं –
• गामा नाईफ
• लीनियर एक्सलरेटर
• प्रोटॉन बीम
इस प्रक्रिया में मरीज को एक मेज पर लेटाया जाता है जो कि एक रेडिएशन वितरित करने वाली मशीन के नीचे खिसक कर चला जाता है। कम्प्यूटर से निर्देशित एक रोबोटिक हाथ द्वारा रेडिएशन को सीधा ट्यूमर पर केंद्रित किया जाता है। सभी चिकित्सीय सहयोगी दूसरे कमरे से आप पर निगरानी रखते हैं तथा माइक्रोफोन से आप से बात भी कर सकते हैं।
इस प्रक्रिया से किसी प्रकार की तकलीफ या असहजता महसूस नहीं होगी। हालांकि सिर के फ्रेम की पिन लगाने वाले स्थान पर हल्का-सा खून बहने के कारण कुछ दर्द महसूस हो सकता है जिसके लिए डॉक्टर आपको दवाइयाँ लिखेंगे। इलाज के एक या दो दिन के बाद मरीज अपनी दिनचर्या पर वापस आ सकता है। इलाज किस प्रकार का है,इस पर निर्भर करते हुए कुछ साइड-इफेक्टस का अनुभव हो सकता है जिसको ठीक करने में आपके डाक्टर आपकी मदद करेंगे।
CyberKnife स्टीरियोटैक्टिक रेडियोसर्जरी करने की एक प्रणाली है। शरीर में बिना किसी प्रकार का चीरा लगाए, बिना सर्जरी किए यह प्रोस्टेट कैंसर के लिए सिद्ध परिणाम वाले इलाज का एक दर्द रहित विकल्प है। इस प्रणाली में रेडिएशन वितरित करने में मिलीमीटर से भी छोटी इकाई की सटीकता है जिससे साइड-इफेक्टस का खतरा कम होता है और जीवन की गुणवत्ता बढ़ जाती है।
ज्यादातर इंश्योरेंस कम्पनियाँ स्टीरियोटैक्टिक रेडियोसर्जरी को कवर करती हैं। हालांकि, इलाज के प्रकार और अवस्था को देखकर कुछ कम्पनियाँ मना भी कर सकती हैं।
अपने इंश्योरेंस कंपनी से मिलकर यह सुनिश्चित कर लें कि वह किस सेवा के लिए भुगतान करेंगे।
स्टीरियोटैक्टिक रेडियोसर्जरी उच्च मात्रा के रेडिएशन को सीधा ट्यूमर पर केंद्रित कर के मस्तिष्क के रोगों का इलाज करता है।
स्टीरियोटैक्टिक रेडियोसर्जरी का उपयोग असामान्यताएँ, ट्यूमर, घाव या क्रियाशील विकारों के लिए किया जाता है।
यह प्रक्रिया सिर और गर्दन तक ही सीमित है क्योंकि इन अंगों को ‘स्केलेटल फिक्सेशन’ उपकरणों से स्थिर किया जा सकता है। यह उपकरण सिर के गतिविधि को रोककर सटीक इलाज में मदद करते हैं।
यह प्रक्रिया का उपयोग तब भी करते हैं जब ट्यूमर सर्जरी द्वारा पहुंच से बाहर हो, या फिर सहारे के लिए मेलिग्नेंट अथवा बार बार होने वाले ट्यूमर के निदान के साथ में भी करते हैं।
3D कम्प्यूटर द्वारा निर्देशित प्लानिंग और उच्च स्तरीय स्थिरता की मदद से इस प्रक्रिया द्वारा मस्तिष्क की स्वस्थ ऊतक को रेडिएशन की अधिक मात्रा से बचाते हैं।
तीन प्रकार की तकनीक द्वारा रेडिएशन वितरित की जा सकती है।
हर तकनीक अलग प्रकार के औजार और रेडिएशन के स्त्रोत का उपयोग करते हैं।
गामा नाईफ यूनिट (Gamma Knife Unit) – यह उपकरण ट्यूमर को लक्ष्य बनाने के लिए अधिक केंद्रित गामा किरणों का उपयोग करता है। इसका उपयोग छोटे से मध्यम आकार के अंतःकपालीय घाव (intracranial lesion) को ठीक करने के लिए किया जाता है।
लीनियर एक्सलरेटर (LINAC) – यह उपकरण अधिक ऊर्जा वाले एक्स-रे जिन्हें फोटौन (photon) भी कहते हैं, उनका उपयोग करके ट्यूमर को केंद्रीत करता है।
प्रोटॉन बीम (proton beam) – इस तकनीक में प्रोटॉन का उपयोग करके सिर और गर्दन के कैंसर व बच्चों में होने वाले कैंसर का उपचार किया जाता है।
अन्य रेडियोथेरेपी की तरह, SRS ट्यूमर या घाव को अपने स्थान से निकालता नहीं है। यह कैंसर की कोशिका के DNA को बदल कर उन्हें दोबारा पैदा होने से रोकता है जिसके बदले में ट्यूमर नष्ट हो जाता है।
इस प्रक्रिया में, बच्चों के अलावा किसी को बेहोश करने की आवश्यकता नहीं होती है। एक सेशन 1 से 4 घंटे का होता है। इस प्रक्रिया में मरीज को अस्पताल में रुकने की आवश्यकता नहीं होती है और वह एक दिन में ही सामान्य महसूस कर सकता है। कुछ अन्य तरीकों में एक से अधिक सत्र की आवश्यकता हो सकती है।
SRS द्वारा ट्यूमर को सिकोड़ने में 12 महीने से 2 साल तक का समय लग सकता है क्योंकि यह ट्यूमर को सीधे नष्ट नहीं करता है। यह कैंसर की कोशिका के DNA में बदलाव करता है।
SRS प्रक्रिया के पहले –
इलाज से एक रात पहले डॉक्टर आपको कुछ भी न खाने-पीने और कुछ दवा न लेने की सलाह देंगे।
अपने डॉक्टर को निम्नलिखित जानकारी दें –
• अपना चिकित्सीय इतिहास, डायबिटीज के लिए यदि कोई दवा या सुई ले रहे हैं।
• आपके शरीर में कोई इम्प्लान्ट (प्रत्यारोपण) है।
• कन्ट्रास्ट मीडिया या आयोडीन से एलर्जी है।
• बंद जगह में घुटन महसूस होती है (क्लौस्ट्रफ़ोबिया)।
डॉक्टर CT और MRI करके ट्यूमर का सटीक रूप से पता लगाएंगे। फिर इलाज के लिए आपकी शरीर को सबसे उपयुक्त जगह पर स्थापित करने के लिए बुला सकते हैं। यह एक तरीके की अभ्यास दौड़ है जिसमें आप उसी दिन वापस लौट जाते हैं। डॉक्टर इमेजिंग टेस्ट द्वारा ट्यूमर के नाप और आकार के हिसाब से रेडिएशन बीम के प्रकार और मात्रा तय करता है।
SRS प्रक्रिया के दौरान –
बच्चों को बेहोश कर दिया जाता है लेकिन व्यस्क होश में रहते हैं। व्यस्क को सेडेटिव (शान्त रहने की दवा) देकर शान्त कर दिया जाता है।
शरीर में पानी की कमी न हो इसलिए ड्रिप चढ़ाया जाता है। मस्तिष्क सम्बन्धित SRS के लिए सिर पर एक फ्रेम लगाकर उसे स्थिर किया जाता है। रेडिएशन से बचाव के लिए मुँह पर एक मुलायम मास्क रख दिया जाता है। प्रक्रिया के दौरान मरीज को लेटा दिया जाता है।
मरीज को रेडिएशन महसूस नहीं होती है और वह डाक्टर से माइक्रोफोन द्वारा बात कर सकता है।
डाक्टर इमेजिंग स्क्रीन से रेडिएशन को सटीक रूप से वितरित करने की निगरानी करते हैं। प्रक्रिया के दो घंटे पश्चात तक मरीज को निगरानी में रखा जाता है।
यदि गामा नाईफ द्वारा इलाज हुआ है तो मरीज को एक बेड लेटाया जाता है जो खिसक कर मशीन के नीचे चला जाता है। प्रक्रिया के दौरान बेड अपने स्थान से हिलता है और मशीन स्थिर रहती है। इस ट्यूमर के नाप और आकार के अनुसार इस प्रक्रिया में 1-4 घंटे लग सकते हैं।
यदि लीनियर एक्सलरेटर (LINAC) विधि से इलाज हो रहा है तो यह एक घंटे से भी कम समय में हो जाएगा। इसमें LINAC मशीन गतिशील रहती है और लक्ष्य के इर्द-गिर्द घूमकर अलग अलग कोने से रेडिएशन वितरित करती है।
यह प्रक्रिया चिकित्सा के विशेषज्ञों की एक टीम द्वारा की जाती है जिसमें रेडिएशन ऑन्कोलॉजिस्ट, रेडिएशन मनोवैज्ञानिक, न्यूरोसर्जन, मेडिकल फिजिसिस्ट, डोज़ का निर्धारण करने वाले डोजिमेट्रिस्ट एवं सहायता करने वाली विशेषज्ञ नर्स शामिल हैं।
SRS प्रक्रिया के बाद
यदि सिर के फ्रेम का इस्तेमाल हुआ है तो उसे निकाला जाएगा जिससे पिन की जगह पर हल्का रक्तस्राव हो सकता है।
मरीज को सिरदर्द, उल्टी एवं बुखार की शिकायत हो सकती है जिसके उपचार के लिए डॉक्टर दवा लिखेंगे। इलाज के बाद मरीज को सामान्य खान-पान और दवा लेने के निर्देश दिए जाते हैं।
इलाज किस अंग का हो रहा है इसके आधार पर दुष्प्रभाव होते है। प्रारंभिक दुष्प्रभाव उपचार के दौरान या बाद में होते हैं और उपचार के कुछ हफ्तों के बाद दूर हो जाएंगे।
सामान्य और शुरुआती दुष्प्रभावों में शामिल हैं:
• त्वचा की समस्याएं जैसे लालिमा, जलन, खुजली, सूजन, सूखापन, छीलना और फफोले
• मतली और उल्टी
• उपचार के स्थान पर बालों का झड़ना
• मुंह की समस्याएं
• निगलने में कठिनाई
• सिर दर्द
• मूत्र और मूत्राशय में परिवर्तन
देर से साइड इफेक्ट्स:
देर से साइड इफेक्ट्स उपचार के महीनों या वर्षों के बाद होते हैं। इनके होने की संभावना काफी कम हैं, और कभी-कभी ये स्थायी हो सकते हैं।
• मस्तिष्क और रीढ़ की हड्डी में बदलाव
• गुर्दे और फेफड़ों में बदलाव
• कोलोन और मलाशय में बदलाव
• बांझपन
• जोड़ो में बदलाव
• लिम्फेडेमा
• मुंह में बदलाव
• दोबारा कैंसर होने की संभावना
हमारे रेडिएशन ऑन्कोलॉजिस्ट नियमित रूप से जटिलताओं, कैंसर की दुबारा होने की आशंका, या उपचार के बाद भी हुए नए कैंसर की जांच करेंगे।
• केंद्रित क्षेत्र के आसपास दर्द या सूजन
• त्वचा में जलन
• बालों का झड़ना
• निगलने में कठिनाई
• बुखार
• थकावट
• सिरदर्द
• रक्तस्राव
• मिर्गी (सीज़र)
• नसों में दर्द
• मस्तिष्क में सूजन
• अंधापन या बहरापन
• रेडिएशन के कारण नए ट्यूमर होने की आशंका
• रेडिएशन के कारण स्वस्थ ऊतक का क्षय होना
• रक्त वाहिकाओं की क्षति
इसका मूल्यांकन विभिन्न कारकों पर आधारित रहता है जैसे बीमारी का प्रकार व स्टेज, उपकरण के प्रकार, डाक्टर्स का अनुभव, अस्पताल में दिए जाने वाले इलाज की गुणवत्ता, इलाज के पहले और बाद के खर्च, अन्य चिकित्सीय सेवाएं जिनकी आवश्यकता पड़ सकती है।
इसकी शुरुआत होती है 2,50,000 रूपये से।
अपनी स्थिति अनुसार अपने स्थान पर खर्च की और भी जानकारी हासिल करने के लिए, हमसे हमारी वेबसाइट या ऐप पर संपर्क करें या हमें कॉल करें 9019923337 पर। हम आपकी प्राथमिकता के अनुसार सबसे अच्छे डाक्टर खोजने में आपकी मदद करेंगे।