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हैदराबाद में स्कैल्प कूलिंग पर अक्सर पूछे जाने वाले प्रश्न
सीमित संख्या में कीमोथेरेपी लेने वाले और पतले बालों वाले रोगियों के लिए यह एक सुरक्षित प्रक्रिया है। जिन लोगों को लंबे वक्त तक कीमोथेरेपी दी जाती है, आमतौर पर उन्हें स्कैल्प कूलिंग की सलाह नहीं दी जाती, क्योंकि रोगी लंबे समय तक ठंडे तापमान को सहन नहीं कर सकता है। बहुत मोटे बालों वाले रोगियों के लिए भी इसकी सिफारिश नहीं की जाती है क्योंकि, उपकरण उनके बालों के रोम से ठीक से जुड़ नहीं पाता है।
स्कैल्प कूलिंग तीन अलग-अलग तरीकों से की जाती है, जिसमें आइस पैक, कूलिंग कैप या स्कैल्प कूलिंग सिस्टम का उपयोग किया जाता है। इनमें से रोगी के लिए सुरक्षित है और कीमोथेरेपी से पहले, उसके दौरान और बाद में तापमान को ठंडा बनाए रखता है। यदि आइस पैक या कूलिंग कैप गर्म हो जाते हैं, तो उपचार समाप्त होने तक उन्हें दूसरे से बदल दिया जाएगा।
स्कैल्प कूलिंग करने की क्षमता एक व्यक्ति से दूसरे व्यक्ति में अलग-अलग होती है, जो कीमोथेरेपी के प्रकार और डोज और रोगी के बालों के प्रकार पर निर्भर करता है। क्लीनिकल अध्ययनों से पता चला है कि ब्रेस्ट कैंसर के लिए कीमोथेरेपी प्राप्त करने वाले रोगियों में स्कैल्प कूलिंग अधिक प्रभावी है।
स्कैल्प कूलिंग से रोगी को काफी आम दुष्प्रभाव होते हैं। यदि आप अत्यधिक ठंड को सहन नहीं कर सकते हैं, तो आप कंपकंपी, उथली सांस और कम हृदय गति का अनुभव कर सकते हैं। रोगियों में मतली, चक्कर आना, खुजली, सिरदर्द, और माथे और ठोड़ी की परेशानी सबसे आम दुष्प्रभाव हैं।
कीमोथेरेपी कैंसर कोशिकाओं के साथ-साथ तेजी से बढ़ने वाली स्वस्थ कोशिकाओं को नष्ट कर देती है। इसमें हमारे बालों बालों की जड़ों पर काफी कम समय में ही तेजी से हमला होता है, इससे बाल झड़ने लगते हैं।
ऐसा नहीं है कि आपको बालों को ट्रिम करना ज़रूरी है। लेकिन, किसी भी एक्सटेंशन, ड्राई बाल, विग और किसी भी अन्य हेयर ड्रेसिंग को हटा दें। ताकि, कूलिंग कैप आपके बालों की ज़डों से जुड़ सके और उपचार को और प्रभावी बना सके।
लगभग 65% कीमो के रोगियों के बाल झड़ते हैं। लेकिन, बालों के झड़ने की सीमा उनके द्वारा प्राप्त की जाने वाली कीमोथेरेपी के प्रकार और डोज़ पर निर्भर करती है। बालों का झड़ना आमतौर पर एक अस्थायी दुष्प्रभाव होता है और इलाज खत्म होने के बाद बाल वापस बढ़ने लग जाते हैं।
यह आपके कीमो साइकिल की संख्या पर निर्भर करता है कि आप स्कैल्प कूलिंग के लिए जा सकते हैं या नहीं। डॉक्टर कीमोथेरेपी से पहले, दौरान और बाद में स्कैल्प कूलिंग उपचार की सलाह देते हैं।
यदि रोगी को ठंड ज्यादा लगती है तो उसे सिरदर्द, मतली और कंपकंपी जैसे दुष्प्रभाव हो सकते हैं। इन दुष्प्रभावों के बावजूद बालों को झड़ने से रोकने के लिए सिर की त्वचा को ठंडा रखना उपयोगी होता है।
स्कैल्प कूलिंग उपचार से पहले 30 मिनट के लिए दी जाती है और उपचार के दौरान इसे जारी रखा जाता है। उपचार के बाद 90 मिनट के लिए फिर से जारी रखा जाता है। इससे ट्रीटमेंट सेंटर में मरीज का समय बढ़ता है।
बालों को नुकसान से बचाने के लिए इसे कीमोथेरेपी के साथ दिया जाता है। लेकिन ल्यूकेमिया और कुछ ब्लड कैंसर के लिए इसकी सिफारिश नहीं की जाती है। स्कैल्प कूलिंग कैंसर वाले किसी भी उम्र के पुरुषों और महिलाओं दोनों के लिए स्वीकृत है।
नहीं, बीमा में स्कैल्प कूलिंग ट्रीटमेंट शामिल नहीं होता है। इसको बीमा योजनाओं से बाहर रखा गया है। यह जानने के लिए अपनी बीमा कंपनी से संपर्क करें कि वे किन सेवाओं के लिए भुगतान कर रहे हैं।
हैदराबाद में, आप गाचीबोवली के ओन्को कैंसर केयर सेंटर में यह उपचार प्राप्त कर सकते हैं।
गाचीबोवली, हैदराबाद में ओन्को कैंसर केंद्रों में स्कैल्प कूलिंग के लिए रजिस्टर कराने के लिए हमसे संपर्क करें या व्हाट्सएप के माध्यम से 8008575405 पर मैसेज भेजें।
कीमोथेरेपी से बालों का झड़ना अक्सर सबसे भयानक दुष्प्रभाव होता है। जब किसी मरीज को कीमोथेरेपी कराने की आवश्यकता होती है, तो उनका पहला सवाल यही होता है कि ‘’क्या मैं अपने बाल खो दूंगा?’’। बालों का झड़ना आत्म-सम्मान को प्रभावति करता है, जिससे समाज में अलग दिखना और अन्य साइकोलॉजिकल प्रभाव पड़ सकते हैं। इसका उपाय है: स्कैल्प कूलिंग। स्कैल्प को ठंडा करने से कीमोथेरेपी के कारण बालों की जड़ों को होने वाले नुकसान को कम किया जा सकता है।
यह कीमोथेरेपी से पहलेए दौरान और बाद में स्कैल्प के तापमान को कुछ डिग्री कम कर देता है। यह कूलिंग स्कैल्प में रक्त वाहिकाओं को संकरा कर देती हैए जिससे खोपड़ी में रक्त का प्रवाह कम हो जाता है। यह कीमोथेरेपी एजेंटों को बालों की जड़ों तक पहुंचने से रोकता है। इस प्रक्रिया के परिणामस्वरूप बाल तेजी सेए मजबूत और स्वस्थ होते हैं। ऐसा ही एक उपाय है पैक्समैन स्कैल्प कूलिंग सिस्टम। कीमोथेरेपी के कारण बालों के झड़ने को कम करने के लिए अब यह भारत में उपलब्ध है।
स्कैल्प कूलिंग इन तरीकों से दी जाती है:
आइस पैक: कीमोथेरेपी के दौरान आपके स्कैल्प पर – 26°C और -40°C तापमान के आइस पैक लगाए जाते हैं। एक बार जब यह गर्म हो जाता है तो उपचार समाप्त होने तक ठंडा तापमान बनाए रखने के लिए इसे एक नए आइस पैक से बदल दिया जाता है।
कूलिंग कैप: कीमोथेरेपी के दौरान जमी हुई सामग्री से भरी एक टोपी आपके सिर पर लगाई जाती है। जब यह गर्म हो जाता है तो उपचार समाप्त होने तक इसे दूसरी कूलिंग कैप से बदल दिया जाता है।
स्कैल्प कूलिंग सिस्टम: कमरे के तापमान पर एक टोपी आपके सिर पर लगाई जाती है, यह एक लचीली ट्यूब से कनेक्ट होती है जो कूलिंग मशीन से जुड़ी होती है। एक अन्य टोपी जिसे एक इन्सुलेट कैप भी कहा जाता है, को पहले कैप पर रखा जाता है। यह मशीन कीमोथेरेपी के दौरान और बाद में कैप तक कूलिंग पहुंचाती है। कैप में सेंसर तापमान को नियंत्रित करते हैं ताकि उपचार के दौरान कैप ठंडी रहे।
इस प्रक्रिया की अवधि आपके द्वारा प्राप्त की जा रही कीमोथेरेपी के प्रकार और डोज़ पर निर्भर करती है। आमतौर पर, कीमोथेरेपी सेशन के पहले, दौरान और बाद में 20-30 मिनट लगते हैं।
स्कैल्प कूलिंग की कीमत कीमोथेरेपी की साइकिल की संख्या पर निर्भर करती है।
यदि आप अपनी जगह पर अपने उपचार की कीमत के बारे में अधिक जानकारी जानना चाहते हैंए तो आप हमारी वेबसाइट या ऐप के माध्यम से हमसे संपर्क कर सकते हैं या हमें 8008575405 पर कॉल कर सकते हैं।
स्कैल्प कूलिंग का सबसे बड़ा फायदा है कि यह कीमोथेरेपी से गुजर रहे कैंसर रोगियों में बालों के झड़ने को रोकता है या कम करता है। ज्यादातर स्तन कैंसर और ठोस ट्यूमर वाले कैंसर के कीमोथेरेपी के लिए सिफारिश की जाती है। कीमोथेरेपी के सीमित साइकिल होने पर यह अधिक प्रभावी होता है।
डॉक्टर स्कैल्प कूलिंग की सलाह नहीं देते यदि:
• लंबे समय तक कीमोथेरेपी सेशन की आवश्यकता होती है।
• रोगी का शरीर अत्यधिक ठंड सहन नहीं कर पाता है।
• कीमो दवा की डोज अधिक है।
• यदि रोगी के घने बाल हैं क्योंकि उपकरण बालों की जड़ों से पर्याप्त संपर्क नहीं कर पाता है।
• या फिर, रोगी की स्कैल्प में कैंसर कोशिकाएं होती हैं।
यदि आपको ठंड ज्यादा लगती है स्कैल्प कूलिंग करने से आपको असुविधा हो सकती है। यह कंपकंपी, उनींदापन, उथली श्वास और हृदय गति को कम करता है।
• स्कैल्प कूलिंग के सामान्य दुष्प्रभाव हैं:
• सिरदर्द या माइग्रेन
• जी मिचलाना
• चक्कर आना
• ठोड़ी के आस-पास बेचैनी
• कैप के दबाव के कारण माथे में दर्द।
• गंभीर खुजली
• साइनस का दर्द
• स्किन टिशू डिसऑर्डर
• त्वचा पर छाले
स्कैल्प कूलिंग के लाभ और दुष्प्रभाव बालों के प्रकार और कीमोथेरेपी की डोज़ के आधार पर एक व्यक्ति से दूसरे व्यक्ति में अलग होते हैं। डॉक्टर आपको को ज्यादा ठंड से बचाने और दुष्प्रभावों को प्रबंधित करने के लिए एहतियाती उपाय का सुझाव देंगे।