व्यायाम हमारे शरीर में वास्तव में बहुत से स्वस्थ पदार्थ छोड़ता है जो हमें न केवल फिट रखता है, बल्कि अन्य तरीकों से भी स्वस्थ रखता है
breast cancer journey
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कैंसर के इस सफर में आकाश बताते हैं कि Onco.com से उन्हें काफी हद तक मदद मिली, पूरे उपचार के दौरान एक केयर मैनेजर उनके संपर्क में रहते थेए जो डॉक्टर से उनकी नानी के इलाज की सारी जानकारी भी लेते रहते थे।
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हैदराबाद की रहने वाली दिव्या की मां को जब ब्रेस्ट में दर्द की शिकयत हुई, तो चैक कराने पर उनके स्तन कैंसर के बारे में पता चला। दिव्या के लिए ये सफर काफी कठिन था, कैंसर का नाम सुनकर ही उन्हें कुछ समझ नहीं आ रहा था। जिसके बाद उन्होंने onco.com से संपर्क किया।
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हैदराबाद की रहने वाली दिव्या ने अपने मां के उपचार के लिए Onco.com का अनुभव साझा किया। वक्त ऐसा था कि मां किसी भी बात को नहीं मानती थी, उपचार कराने से मना किया करती थी। लेकिन Onco.com की मदद से वह आगे बढ़ी और उपचार पूरा किया।
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स्तन कैंसर के मामलों को सीमित करने में बेहतर जीवनशैली को अपनाना शामिल है। इनमें शराब और तंबाकू के सेवन को सीमित करना या उससे बचना, वजन को नियंत्रित करना, शारीरिक रूप से सक्रिय होना और जरूरत पड़ने पर स्तनपान कराना शामिल है।
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पेशे से सर्टिफाइड फिजिओथेरपिस्ट रह चुकीए जिंनिया को साल 2020 में ब्रेस्ट कैंसर जैसी बीमारी से जूझना पड़ा। अक्टूबर के महीने में जाकर उनकी लम्पेक्टोमी की गई, जहां से ब्रेस्ट कैंसर होने की बात सामने आई। जो कि इनवेसिव डक्टल कार्सिनोमा ट्रिपल नेगेटिव था। इस ब्लॉग में जिनिया अपने कैंसर के सफर के बारे में बात कर रही हैं।
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कोरोना माहामारी में जहां पूरा देश और दुनिया परेशान थी, तभी उपचार के वक्त, मेरी माँ को भी कोविड-19 हो गया था, जिस वजह से हमें उनके इलाज में 20 दिनों की देरी करनी पड़ी। लेकिन उस समय के अंतराल के तुरंत बाद, हमने उन्हें उनकी सर्जरी के लिए अस्पताल में भर्ती कराया।
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किसी भी कैंसर के जोखिम कारक व्यक्तिगत होते हैं, लेकिन यह जानना महत्वपूर्ण है कि हम कैसे अपने जोखिम को कम करने के लिए कर सकते हैं। कुछ ऐसे कैंसर हैं जो अक्सर महिलाओं को प्रभावित करते हैं, वे हैं। आज हम इस ब्लॉग में इन कैंसर के बारे में जानेंगे और उन्हें रोकने या उनके संकेतों का पता कैसे लगा सकते हैं इस बारे में जानकारी हासिल करेंगे।
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कैंसर मरीज के साथ-साथ पूरा परिवार इस वक्त को काफी डर और तनाव के साथ जीता है। जाहिर सी बात है, कैंसर का नाम ही किसी को डराने के लिए काफी है। दिल्ली की रहने वाली सुनीता बहल के कैंसर की कहानी के बारे में आज हम जानेंगे।
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इस ब्लाॅग में हम स्तन कैंसर के सफर के बारे में जानेंगे, जहां मुंबई के वासावी के रहने वाले परेश जी शाह की मां को कोरोना काल में कंधे में दर्द के बाद स्तन कैंसर के बारे में पता चला। कैंसर के सफर में इलाज के बाद वह काफी हद तक रिकवर हो पाई हैं।