काफी कम उम्र में कैंसर जैसी बीमारी से जूझने वाली आंचल की कहानी बहुत अलग है। जहां बीमार होने पर लोग खुद की सेवा कराने में लग जाते हैं, वहीं आंचल ने कैंसर के इलाज के दौरान लोगों की खुलकर मदद की इस ब्लॉग में हम उनके कैंसर के सफर के बारे में जानेंगे।
“स्तन कैंसर की कहानी
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किसी भी कैंसर के जोखिम कारक व्यक्तिगत होते हैं, लेकिन यह जानना महत्वपूर्ण है कि हम कैसे अपने जोखिम को कम करने के लिए कर सकते हैं। कुछ ऐसे कैंसर हैं जो अक्सर महिलाओं को प्रभावित करते हैं, वे हैं। आज हम इस ब्लॉग में इन कैंसर के बारे में जानेंगे और उन्हें रोकने या उनके संकेतों का पता कैसे लगा सकते हैं इस बारे में जानकारी हासिल करेंगे।
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यह स्तन कैंसर का इलाज शुरुआती चरणों में किया जा सकता है। इसलिए वक्त पर इसकी पहचान करना सबसे ज्यादा जरूरी है। इस ब्लाॅग में हम सीनियर रेडिएशन ऑन्कोलॉजिस्ट डॉ उपासना सक्सेना से जानेंगेए कि कैंसर के साथ रहने और उसका मुकाबला करने के पहलुओं से किस तरह से निपटा जाए।
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कोविड-19 का स्तन कैंसर के उपचार पर प्रभाव (mpact of COVID-19 on Breast Cancer Treatment)
by Team Oncoमौजूदा समय में और अधिक जटिल कोविड-19 महामारी स्तन कैंसर के रोगियों, चिकित्सकों और स्वास्थ्य सेवा प्रणाली के लिए अभूतपूर्व चुनौती बन गई है। मरीजों को इन कठिन समय से उबरने में मदद करने के लिए हम वर्तमान संकट काल में कुछ खास जानकारी लेकर आए हैं।
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साल 2016 में झारखंड के हजारीबाग की दुर्गावती गुप्ता को अपने दाहिने स्तन में कैंसर होने का पता चला। जहां पहली बार उन्हें सही इलाज न मिलने से उनका कैंसर और बढ़ गया। लगभग एक साल बाद दुर्गावती को पैरालाइज अटैक आया जिसमें उनके आधे शरीर ने काम करना बंद कर दिया। इस ब्लॉग में हम उनके कैंसर के इस सफर के बारे में जानेंगे।
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महज 30 साल की उम्र में अर्चना चैहान को दो साल के भीतर कैंसर जैसी घातक बीमारी का दो बार सामना करना पडा। कोरोना काल के बीच दूसरी बार कैंसर का पता चलने पर वह इस माहामारी वाली बीमारी से भी नहीं बच पाई। अर्चना चैहान के इस ब्लाॅग में हम उनके कैंसर के सफर के बारे में जानेंगे।
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स्तन कैंसर की कोशिकाएं आमतौर पर एक ट्यूमर बनाती हैं जिसे एक्स-रे पर देखा जा सकता है या आप इसे एक गांठ के रूप में भी महसूस कर सकते हैं।
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