हैदराबाद की रहने वाली दिव्या ने अपनी मां के उपचार के लिए Onco.com का अनुभव साझा किया।
मेरी मां के ब्रेस्ट में दर्द रहने के बाद हमें उनके कैंसर के बारे में पता चला। हमें एक लैब टेक्नीशियन ने बताया था कि उन्हें ब्रेस्ट कैंसर है। हम लोग बहुत डर गए थे।
बायोप्सी के बाद काफी कुछ साफ हुआ और हमने Onco.com से संपर्क किया।
Onco.com की तरफ से हमारे बजट और सहूलियत को ध्यान में रखते हुए हमें अस्पताल नियुक्त किया गया। जहां पेट स्कैन होने के बाद पता चला कि मां का कैंसर तीसरी स्टेज पर है। डॉक्टर ने कहा कि हमें बिना देरी के उनकी जल्दी से जल्दी सर्जरी करनी होगी।
एक हफ़्ते के अंदर मां के इलाज की प्रक्रिया शुरू हुई और सर्जरी की गई।
सर्जरी के बाद डॉक्टर ने कीमोथेरेपी की सलाह दी। कीमो शुरू होने के बाद दुष्प्रभावों से डर कर मेरी मां उपचार पूरा करने के लिए तैयार ही नहीं थी। भूख न लगने की समस्या को लेकर Onco.com की डायटिशियन की तरफ से हमें मां के लिए एक डाइट चार्ट दिया गया, जिसकी मदद उनके शरीर में पोषण की मात्रा पूरी रहे।
जब मां उपचार लेने से मना कर रही थी, तो उन्हें समझाना हमारे लिए काफी मुश्किल था, लेकिन Onco.com के सपोर्ट के साथ काफी चीज़ें आसानी से निपट गई।
मैं डॉक्टर कृतिका से फोन पर बात करती थी, जहां से वो मुझे समझाती थी और मैं वहीं बात अपनी मां को बताती थीं।
वक्त ऐसा था कि मां किसी भी बात को नहीं मानती थी, उपचार कराने से मना किया करती थी। लेकिन Onco.com की मदद से वह आगे बढ़ी और उपचार पूरा किया। इस पूरे सफर में अगर Onco.com हमारे साथ नहीं होता तो शायद मेरी मां का उपचार पूरा नहीं हो पाता। डॉक्टर कृतिका मेरे लिए भगवान का रूप हैं। मैं इस सफर में Onco.com का काफी आभार व्यक्त करती हूं।