स्तन कैंसर के संकेतों में आपके स्तन में गांठ महसूस होना, आपके स्तन के आकार में बदलाव का अनुभव करना और आपके स्तनों की त्वचा में बदलाव देखना शामिल हो सकते हैं। मैमोग्राम जल्दी पता लगाने में मदद कर सकता है। ब्रेस्ट कैंसर से जुड़े ऐसे ही कुछ सवालों के जवाब हम जानेंगे मेडिकल ऑन्कोलॉजिस्ट, पीयूष बाजपेयी से।
ब्रेस्ट कैंसर इन हिंदी
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व्यायाम हमारे शरीर में वास्तव में बहुत से स्वस्थ पदार्थ छोड़ता है जो हमें न केवल फिट रखता है, बल्कि अन्य तरीकों से भी स्वस्थ रखता है
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बहुत बार गर्भावस्था के दौरान विकसित होने वाले ब्रेस्ट कैंसर का निदान एडवांस स्टेज में किया जाता है, जिससे इसका इलाज करना अधिक मुश्किल हो जाता है।
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कैंसर के इस सफर में आकाश बताते हैं कि Onco.com से उन्हें काफी हद तक मदद मिली, पूरे उपचार के दौरान एक केयर मैनेजर उनके संपर्क में रहते थेए जो डॉक्टर से उनकी नानी के इलाज की सारी जानकारी भी लेते रहते थे।
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स्तन कैंसर के मामलों को सीमित करने में बेहतर जीवनशैली को अपनाना शामिल है। इनमें शराब और तंबाकू के सेवन को सीमित करना या उससे बचना, वजन को नियंत्रित करना, शारीरिक रूप से सक्रिय होना और जरूरत पड़ने पर स्तनपान कराना शामिल है।
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अधिकांश स्तन कैंसर आक्रामक यानी कि इनवेसिव होते हैं, जिसका मतलब है कि कैंसर जगह से अन्य क्षेत्रों में फैल गया है, जैसे आस-पास के स्तन के ऊतक, लिम्फ नोड्स या शरीर में कहीं और। आक्रामक स्तन कैंसर की कोशिकाएं सामान्य स्तन ऊतक बाधाओं से टूट जाती हैं और रक्तप्रवाह और लिम्फ नोड्स के माध्यम से शरीर के अन्य भागों में फैल जाती हैं।
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पेशे से सर्टिफाइड फिजिओथेरपिस्ट रह चुकीए जिंनिया को साल 2020 में ब्रेस्ट कैंसर जैसी बीमारी से जूझना पड़ा। अक्टूबर के महीने में जाकर उनकी लम्पेक्टोमी की गई, जहां से ब्रेस्ट कैंसर होने की बात सामने आई। जो कि इनवेसिव डक्टल कार्सिनोमा ट्रिपल नेगेटिव था। इस ब्लॉग में जिनिया अपने कैंसर के सफर के बारे में बात कर रही हैं।
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सीमा आपके बाएं स्तन में लगभग दो से तीन सेंटीमीटर का ट्यूमर है।” हालांकि, कोई एक्सिलरी लिम्फ नोड्स नहीं हैं। सीमा के चेहर कीे शिकन को देखते हुए, डाॅक्टर ने उन्हें बताया कि कैंसर अभी पहले स्टेज में है।
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कोरोना माहामारी में जहां पूरा देश और दुनिया परेशान थी, तभी उपचार के वक्त, मेरी माँ को भी कोविड-19 हो गया था, जिस वजह से हमें उनके इलाज में 20 दिनों की देरी करनी पड़ी। लेकिन उस समय के अंतराल के तुरंत बाद, हमने उन्हें उनकी सर्जरी के लिए अस्पताल में भर्ती कराया।
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काफी कम उम्र में कैंसर जैसी बीमारी से जूझने वाली आंचल की कहानी बहुत अलग है। जहां बीमार होने पर लोग खुद की सेवा कराने में लग जाते हैं, वहीं आंचल ने कैंसर के इलाज के दौरान लोगों की खुलकर मदद की इस ब्लॉग में हम उनके कैंसर के सफर के बारे में जानेंगे।
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