एंटीकैंसर थेरेपी के अलावा, पोषण (न्यूट्रिशन), भावनात्मक (इमोशन) और वित्तीय (फाइनेंशियल) मुद्दों से संबंधित रोगियों के लिए एक समग्र दृष्टिकोण बहुत महत्वपूर्ण है। इस ब्लाॅग में, मेडिकल ऑन्कोलॉजिस्ट डॉ एमए सुबूर शाहरोज कैंसर के उपचार के इन पहलुओं पर नज़र डालने का प्रयास करेंगे।
भावनात्मक समर्थन
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हमारे देश में कैंसर को लेकर जागरूकता के बारे में आमतौर पर सर्जरी, कीमोथेरेपी जैसे उपचार विकल्पों के बारे में बातें होती है, रोगियों और देखभाल करने वालों के मानसिक स्वास्थ्य के मुद्दों पर शायद ही किसी का ध्यान जाता है।
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सकारात्मक पर ध्यान केंद्रित करने के लिए, आपको अपने जीवन से नकारात्मक को दूर करने की आवश्यकता है। जब आप मजबूत बने रहने की कोशिश कर रहे हों तो नकारात्मकता का कोई भी स्रोत आपकी स्थिति को और कठिन बना सकता है।
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कैंसर के उपचार से आपके बच्चे के शरीर में दुष्प्रभाव या परिवर्तन हो सकते हैं। कई कारणों से, एक ही प्रकार के कैंसर के लिए एक ही उपचार दिए जाने पर भी लोगों को एक समान दुष्प्रभावों का अनुभव नहीं होता है।
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सिगरेट का सेवन कैंसर के कुछ प्रमुख कारकों में से एक है। इस ब्लॉग में हम आपको कुछ खास टिप्स के बारे में बताएंगे जिनको फॉलो कर आप सिगरेट और निकोटीन को छोड़ सकते हैं।
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कैंसर जैसी बीमारी से लड़ रहे मरीजों और उनकी देखभाल करने वाले के दर्द को कुछ हद तक कम करने के लिए Onco.com एक कैंसर सर्पोट ग्रुप से आपको जोड़ने का काम करता है।
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देखभाल प्रबंधन टीम आपके उपचार की हर स्टेज की पहले से योजना बनाने में आपकी मदद कर सकती है। चिकित्सा विशेषज्ञों की हमारी आंतरिक टीम में विभिन्न उपचार विधियों के ऑन्कोलॉजिस्ट शामिल हैं जो आपको अगले कदमों पर सलाह देने का काम करते हैं। चिकित्सा विशेषज्ञों की एक टीम की निगरानी में आपकी नैदानिक रिपोर्ट की व्याख्या और रिकवरी के सफर के अगले चरणों को समझना आसान हो जाता है।
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वर्ल्ड रोज डे एक ऐसा दिन है जो कैंसर से लड़ने वाले लोगों में आशा और उत्साह फैलाने के लिए समर्पित है। क्योंकि अधिकांश कैंसर उपचार शरीर पर कठोर होते हैं, यह मरीज के लिए शारीरिक और मानसिक तौर पर गहरा प्रभाव छोड़ते हैं, इसलिए रोगियों को खुश रखना बहुत महत्वपूर्ण है।
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कैंसर को लेकर गलत धारणाएं, लोगों के बीच इतनी गहरी जड़ें जमा चुकी हैं कि इसका मरीज शायद इसके बारे में आपको पता भी नहीं चलने दे। लोगों के इस डर और रैवेये को काउंसलिंग की मदद से सकता जा यकता है। इस ब्लाॅग में हम बात करेंगे कि कैंसर काउंसलिंग मरीजों के सफर और देखभालकर्ता के लिए क्यों जरूरी है।
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कैंसर के बाद व्यक्ति बहुत अकेलापन महसूस करता है। अपने दोस्त के साथ समय बिताने की कोशिश करें, आप उनके ध्यान को भटकाएं, पुरानी अच्छी बातों से उनके मन को बहलाएं। उनसे बात करें कि कैंसर ठीक होने के बाद आप क्या-क्या कर सकते हैं।