20 साल की उम्र में एक जूनियर ट्रेनी इंजीनियर के तौर पर काम करने वाली मीनाक्षी अपने हर वीकएंड को काफी बेहतर तरीके से एंजाय करती हैं। वह अपनी लाइफ में काफी खुश थी और उनके परिवार को उन पर गर्व था। लेकिन साल 2019 में पलक झपकते ही उनके जीवन में सब कुछ बदल गया। इस ब्लाॅग में हम मीनाक्षी के कैंसर के सफर के बारे में बात बताएंगे।
आपकी कहानियां
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16 मार्च 2021 के दिन गुरविंदर को अपने कोलोन कैंसर के बारे में पता चला। डाॅक्टरों ने उन्हें इलाज की काफी कठिन प्रक्रिया के बारे में बताया। जिसके चलते उन्होंने कीमाथेरेपी लेने से मना कर दियाए और अन्य इलाज के विकल्पों का सहारा लिया। इस ब्लाॅग में गुरविंदर बता रही हैं कि किस तरह इलाज को न करना उनकी सेहत को नागवार गुजरा।
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काफी कम उम्र में कैंसर जैसी बीमारी से जूझने वाली आंचल की कहानी बहुत अलग है। जहां बीमार होने पर लोग खुद की सेवा कराने में लग जाते हैं, वहीं आंचल ने कैंसर के इलाज के दौरान लोगों की खुलकर मदद की इस ब्लॉग में हम उनके कैंसर के सफर के बारे में जानेंगे।
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पुखराज सिंह कैंसर से पीड़ित किशोरों और बच्चों के लिए काम करते हैं। वह उन्हें काउंसलिंग देने के साथ.साथ सकारात्मक और कुछ प्रेरणादायक कहानियां सुनाते हैं जो उनके जीवन में कुछ अच्छा वक्त लेकर आती हैं और कैंसर के प्रति उनका डर कम होता हैं। इस ब्लाॅग में हम पुखराज के जीवन और काम के बारे में जानेंगे।
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बाॅलीवुड में ऐसे कई सेलेब्स हैं, जो कैंसर को मात देकर लोगों के लिए प्रेरणा बनें हैं। कई ऐसे भी हैंए जिनकी कैंसर का कारण जान तक चली गई। इस ब्लाॅग में हमने कुछ सेलेब्स के कैंसर के बारे में जानकारी दी है।
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पेशे से आईटी प्रोफेशनल सिद्धार्थ घोष दिल्ली के रहने वाले हैं। साल 2014 में फरवरी में उन्हें किडनी में कैंसर का सामना करना पड़ा। हमेशा से स्पोर्ट्स के प्रति रूचि रखने वाले सिदार्थ 12 साल से एक एथलीट रहे हैं और मैराथन में भाग लेते आए हैं। वह हाफ और फुल मैराथन दौड़ते है। इस ब्लाॅग में उनहोंने अपने कैंसर के सफर के बारे में बताया है।
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कैंसर मरीज के साथ-साथ पूरा परिवार इस वक्त को काफी डर और तनाव के साथ जीता है। जाहिर सी बात है, कैंसर का नाम ही किसी को डराने के लिए काफी है। दिल्ली की रहने वाली सुनीता बहल के कैंसर की कहानी के बारे में आज हम जानेंगे।
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संजू चौथी स्टेज के कैंसर से पीड़ित थे और उनका इलाज मुंबई के कोकिलाबेन हॉस्पिटल में चल रहा था। उससे पहले अभिनेता संजय दत्त ने सीने में दर्द और सांस फूलने की शिकायत की थी। इस ब्लाॅग में हम संजय दत्त के कैंसर के सफर के बारे में जानेंगे।
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कोरोना वायरस मनुष्यों में अत्यधिक संक्रामक होता जा रहा है। इससे सांस की समस्या हो सकती है और यह बहुत तेजी से बढ़ सकता है। कुछ लोगों में यह स्पर्शोन्मुख (बिना किसी लक्षण के) पाया जाता है और यह अज्ञात रह सकता है, जबकि दूसरों में फैलता रहता है।
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न्यूरोएंडोक्राइन ट्यूमर एक ऐसी स्थिति है, जिसमें शरीर के तंत्रिका कोशिकाओं के हार्मोन उत्पादन में असामान्य वृद्धि होती है। यह ट्यूमर शरीर की आंतों में शुरू होता है। आम तौर पर यह फेफड़ों और अग्नाशय में होता है। इस ब्लाॅग में छत्तीसगढ़ के गरियाबंद जिले के राजिम के रहने वाले भरत ने अपने पिता के कैंसर के सफर के बारे में बताया है।