केयरगिवर दिलीप ने बताया कि कैसे उनके ससुर के ओरल कैंसर के उपचार में उन्हें मदद मिली
आपकी कहानियां
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पूरे भारत में कैंसर जैसी घातक बीमारी को हराने वाले जयंत पहले ऐसे भारतीय हैं, जिन्हें एक नहीं, दो नहीं बल्कि छह बार कैंसर हो चुका है। जयंत पिछले लगभग 8 साल कैंसर जैसी बीमारी से लड़ने में लगा चुके हैं।
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मैं अपनी परेशानी को परिवार में किसी के साथ शेयर नहीं कर पा रहा था। इससे मेरा अकेलापन और बढ़ गया। मुझे लगा कि मेरा इलाज सही नहीं हो रहा है। मुझे कैंसर के इलाज को लेकर काफी संदेह था। इस बीच डॉ अश्वथी ने इलाज से संबंधित हर सवाल का बेहतर और संतुष्ट जवाब दिया। उन्होंने एक साइको-ऑन्कोलॉजिस्ट के साथ काउंसलिंग सेशन लेने का सुझाव दिया और पहले सेशन से ही मुझे काफी फर्क महसूस हुआ।
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हमने अपने शहर में एक बेस्ट ऑन्कोलॉजिस्ट के साथ वीडियो कंस्लटेशन लेने के लिए कॉल ओन्को सर्विस का उपयोग किया। इस तरह हमारा संपर्क Onco.com की अन्य सेवाओं से हुआ और उसके बाद हमारे लिए कैंसर का इलाज बहुत आसान हो गया। मैंने उनका ऐप डाउनलोड किया और उनके केयर मैनेजर मेरे साथ नियमित संपर्क में रहे।
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हमने ऑनलाइन जाकर Onco.com से संपर्क किया, जहां से मेरी बीमारी की स्टेज और प्रकार के इलाज के बारे में कुछ सलाह मिल सके। उन्होंने पहले मुझे मेरे कैंसर के निदान को समझने में मदद की, फिर अस्पतालों के विकल्प दिए जहां मुझे इलाज मिल सके।
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सर्जरी के दो हफ्ते बाद, सीमा की कीमोथेरेपी शुरू हुई। उन्हें एड्रियामाइसिन (Adriamycin), और साइक्लोफॉस्फेमाइड (Cyclophosphamide) (AC)2, डोज का संयोजन आहार निर्धारित किया गया था। उसके बाद टेक्सेन की चार साइकल थी।
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पेशे से सर्टिफाइड फिजिओथेरपिस्ट रह चुकीए जिंनिया को साल 2020 में ब्रेस्ट कैंसर जैसी बीमारी से जूझना पड़ा। अक्टूबर के महीने में जाकर उनकी लम्पेक्टोमी की गई, जहां से ब्रेस्ट कैंसर होने की बात सामने आई। जो कि इनवेसिव डक्टल कार्सिनोमा ट्रिपल नेगेटिव था। इस ब्लॉग में जिनिया अपने कैंसर के सफर के बारे में बात कर रही हैं।
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सीमा आपके बाएं स्तन में लगभग दो से तीन सेंटीमीटर का ट्यूमर है।” हालांकि, कोई एक्सिलरी लिम्फ नोड्स नहीं हैं। सीमा के चेहर कीे शिकन को देखते हुए, डाॅक्टर ने उन्हें बताया कि कैंसर अभी पहले स्टेज में है।
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कोरोना माहामारी में जहां पूरा देश और दुनिया परेशान थी, तभी उपचार के वक्त, मेरी माँ को भी कोविड-19 हो गया था, जिस वजह से हमें उनके इलाज में 20 दिनों की देरी करनी पड़ी। लेकिन उस समय के अंतराल के तुरंत बाद, हमने उन्हें उनकी सर्जरी के लिए अस्पताल में भर्ती कराया।
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कई अन्य विकल्पों को आजमाने के बाद, मैंने Onco.com से संपर्क किया। उन्होंने मुझे बताया कि डॉक्टर इलाज से मना कर रहे थे, क्योंकि मेरी मां इतनी कमजोर थी कि कीमोथेरेपी जैसे किसी भी तरह के इलाज का सामना नहीं कर सकती थी। इसलिए, हमें अभी के लिए अपनी माँ के समग्र स्वास्थ्य और शक्ति में सुधार पर ध्यान देने की आवश्यकता है।